भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट,(Why is the Indian Stock Market Falling)
विश्लेषकों के अनुसार, भारतीय बाजार नकारात्मक रुख के साथ खुले और अमेरिका से मिले कमजोर संकेतों ने स्थिति को और खराब कर दिया। वॉल स्ट्रीट इंडेक्स शुक्रवार को भारी गिरावट के साथ बंद हुए, जिसका कारण टैरिफ को लेकर बढ़ती चिंताएं और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी का डर रहा। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा लगातार भारतीय शेयरों की बिकवाली भी बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर डाल रही है।
प्रमुख कारण जिनसे बाजार गिर रहे हैं (Why is the Indian Stock Market Falling)
- वॉल स्ट्रीट और अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुस्ती
शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट में बड़ी गिरावट देखी गई, जहां डॉव जोन्स 1.69%, S&P 500 1.71% और नैस्डैक 2.2% तक गिर गए। इसका मुख्य कारण अमेरिका की धीमी आर्थिक वृद्धि और संभावित मंदी की आशंका रही।
- फरवरी में अमेरिकी उपभोक्ता विश्वास उम्मीद से ज्यादा गिरकर 64.7 पर पहुंच गया, जो पिछले 15 महीनों का न्यूनतम स्तर है।
- महंगाई की बढ़ती उम्मीदों ने उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को प्रभावित करने की आशंका बढ़ा दी है।
- S&P Global के अनुसार, अमेरिका का व्यापारिक गतिविधि सूचकांक फरवरी में 50.4 पर आ गया, जो जनवरी में 52.7 था, यानी 17 महीनों का न्यूनतम स्तर।
- ट्रम्प प्रशासन द्वारा टैरिफ की धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा विभिन्न देशों और सेक्टर्स पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी ने वैश्विक बाजारों को अस्थिर कर दिया है, जिसमें भारतीय बाजार भी शामिल है।
- भू–राजनीतिक तनाव (Geopolitical Concerns)
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर जारी अनिश्चितता भी बाजार में गिरावट का एक बड़ा कारण है। रविवार को रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया, जिससे युद्ध के समाधान को लेकर चिंता और बढ़ गई है।
- बाहरी आर्थिक दबाव (External Headwinds)
विश्लेषकों के अनुसार, भारतीय बाजारों पर बाहरी आर्थिक दबाव भी असर डाल रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:
- भारतीय रुपये की कमजोरी
- विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
- तीसरी तिमाही के कमजोर वित्तीय परिणाम
- व्यापार घाटे में बढ़ोतरी
- विदेशी निवेशकों (FII) की भारी बिकवाली
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने फरवरी 2025 में अब तक ₹23,710 करोड़ की बिकवाली की है। जनवरी में उन्होंने ₹78,027 करोड़ निकाले थे। इस तरह, 2025 में अब तक कुल ₹1,01,737 करोड़ भारतीय बाजार से बाहर जा चुके हैं। यह आंकड़े भारतीय शेयर बाजार में भारी दबाव को दर्शाते हैं।
इन सभी कारकों के कारण भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है, और निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है
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