टाटा से अडानी तक, ब्रिटेनिया से पेप्सिको तक बिहार में अरबों के निवेश का पूरा सच?
bimaru states का उदय और आर्थिक विकास:
पिछले कुछ दशकों में ‘BIMARU’ शब्द का इस्तेमाल अक्सर Bihar, Madhya Pradesh, Rajasthan, और Uttar Pradesh जैसे राज्यों के लिए किया जाता रहा है। लेकिन यह शब्द आया कहां से? 1980 के दशक में demographer Ashish Bose ने तत्कालीन प्रधानमंत्री Rajiv Gandhi को एक report सौंपी थी।
इस report में देश के चार बड़े राज्यों Bihar, Madhya Pradesh, Rajasthan, और Uttar Pradesh को bimaru states कहा गया था। तब से यह शब्द चलन में आ गया। बीमारू का मतलब होता है ‘बीमार,’ और इन states को economic growth, healthcare, education, और अन्य indicators के मामले में पिछड़ने के कारण ये नाम दिया गया। इस शब्द के इस्तेमाल के बाद इन राज्यों को poverty और unemployment की चुनौतियों का सामना करते देखा गया।
बिहार में निवेश की नई लहर: “It will not remain a BIMARU state.”
लेकिन अब देश के बड़े कारोबारी घराने Bihar में invest करने लगे हैं। Tata से लेकर Adani तक, सभी बड़े उद्योगपति Bihar में investment कर रहे हैं। आज के खर्चा पानी bulletin में हम इसी पर बात करेंगे—Bihar में कितना निवेश आया है और इसके पीछे की मुख्य वजहें क्या हैं। इसके साथ ही समझेंगे कि कैसे Bihar औद्योगिक रूप से BIMARU छवि से बाहर निकल रहा है।
बिहार में प्रमुख निवेश प्रोजेक्ट्स:अब बिहार bimaru state नहीं होगा
Tata, Adani, और देश की बड़ी FMCG कंपनियां जैसे Britannia और PepsiCo अब Bihar में investment करती नजर आ रही हैं। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, पिछले दो सालों में Bihar को हजारों करोड़ रुपये के investment proposals मिले हैं। उदाहरण के लिए, Adani Group की Ambuja Cements ने नवादा में एक cement grinding unit स्थापित की है, जबकि JK Cement और UltraTech Cement भी राज्य में अपने plants लगा रहे हैं।
बिहार में फूड प्रोसेसिंग और अन्य उद्योगों में निवेश:
Food processing, textiles, और leather industry में भी significant investment हो रहा है। Tata Group ने Patna में Taj City Center की स्थापना की, जो राज्य का पहला 5-star hotel है। वहीं PepsiCo ने Begusarai में एक बड़ा plant स्थापित किया और Buxar में एक और factory खोलने की योजना बना रही है। वैशाली में कई food processing companies ने बड़े investments की योजना बनाई है, जिससे राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही अब बिहार bimaru state के लिस्ट से बहुत जल्द बाहर हो जायेगा।
बिहार में औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार:
Bihar में अब industrial zones का विस्तार हो रहा है। राज्य के industry minister Nitin Mishra के अनुसार, कैबिनेट ने राज्य के 31 जिलों में नई industrial units विकसित करने का आदेश दिया है, और सात नए जिलों को industrial development के लिए चुना गया है। इसके साथ ही, Bihar के दो क्षेत्रों को special economic zones (SEZ) के रूप में चिन्हित किया गया है, जिनकी मंजूरी अभी केंद्र सरकार से मिलनी बाकी है। इस से साफ जाहिर है। अब bimaru states से ऊपर आ रहा है। बहुत जल्द ही bihar तरक्की की राह पर चल परा है।
सरकार की नई नीतियाँ और निवेश की योजनाएं:
Bihar government ने industrial investment को बढ़ावा देने के लिए कई policies लागू की हैं, जिनमें Bihar Industrial Investment Promotion Policy, Agriculture Investment Promotion Policy, और Ethanol Production Promotion Policy शामिल हैं। इसके अलावा, राज्य में IT parks और अन्य industries के विकास के लिए भी काम हो रहा है, जिससे निवेशक आकर्षित हो रहे हैं।
बिहार का जीएसडीपी और आर्थिक विकास:
RBI और CMIE के economic data के अनुसार, Bihar का Gross State Domestic Product (GSDP) पिछले पांच सालों में 29% बढ़कर financial year 2023 में लगभग 45 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। राज्य में लीची और मखाना का सबसे बड़ा production होता है, और यह traditional textile industry में भी अग्रणी है।
बिहार के पारंपरिक उद्योग और रोजगार की चुनौतियां:
हालांकि state में investment और industries का विकास हो रहा है, लेकिन रोजगार और पलायन की समस्या अभी भी बड़ी चुनौती है। e-Shram portal के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, लगभग 3 करोड़ लोगों ने खुद को register किया है। इसके बावजूद, Bihar में employment opportunities को बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि migration की समस्या को हल किया जा सके।
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निष्कर्ष (Conclusion)
बिहार और अन्य बीमारू राज्य अपने पुराने टैग को पीछे छोड़ते हुए तेज़ी से प्रगति कर रहे हैं। आज, बिहार जैसे राज्य अपनी बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, औद्योगिक नीतियों और निवेश के अनुकूल माहौल के कारण आर्थिक विकास की एक नई दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। बड़ी कंपनियों के निवेश और राज्य सरकार की सक्रिय नीतियों ने बिहार को एक उभरते हुए औद्योगिक हब के रूप में स्थापित किया है। हालाँकि, रोजगार की कमी और पलायन जैसी चुनौतियाँ अब भी बनी हुई हैं, लेकिन यह नया विकास इन समस्याओं के समाधान में सहायक हो सकता है।
यदि ये निवेश और आर्थिक सुधार इसी प्रकार जारी रहे, तो बिहार जल्द ही अपना bimaru states टैग पूरी तरह से पीछे छोड़ देगा और एक नए, गतिशील और विकसित राज्य के रूप में उभरेगा।
भारत में सबसे पिछड़ा राज्य कौन सा माना जाता है?
बिहार और झारखंड अक्सर भारत के सबसे पिछड़े राज्यों में गिने जाते हैं। ये राज्य आर्थिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे की कमी जैसे कारणों से पिछड़े माने जाते हैं।
बिहार और झारखंड को पिछड़ा क्यों माना जाता है?
बिहार और झारखंड में गरीबी दर अधिक है, शिक्षा की गुणवत्ता कमजोर है, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है, और बुनियादी ढांचे का अभाव है। ये कारक इन राज्यों को पिछड़ा बनाते हैं।
भारत में सबसे ज्यादा गरीबी दर वाला राज्य कौन सा है?
बिहार और झारखंड गरीबी दर के मामले में शीर्ष राज्यों में आते हैं। इन राज्यों में गरीबी की समस्या काफी गंभीर है, और यह इन्हें पिछड़ा बनाता है।