Adani vs Hindenburg research report और SEBI विवाद: सच्चाई, आरोप, और राजनीतिक प्रतिक्रिया

परिचय:

भारतीय शेयर बाजार और उसके नियामक SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) पिछले कुछ समय से एक बड़े विवाद में उलझे हुए हैं। इस विवाद का केंद्रबिंदु है Hindenburg Research की रिपोर्ट, जिसमे adani vs hindenburg research report और SEBI की चेयरपर्सन मधाबी पुरी बुच और उनके पति पर अडानी समूह से जुड़े अपतटीय फंड (offshore funds) में निवेश के आरोप लगाए गए हैं। इस लेख में हम इस पूरे विवाद को विस्तार से समझेंगे और देखेंगे कि Hindenburg Research और SEBI के बीच यह टकराव कैसे उभरा।

Hindenburg Research: क्या है ?

Hindenburg Research एक अमेरिकी निवेशक-कार्यकर्ता फर्म है, जो 2017 में स्थापित की गई थी। यह संस्था वित्तीय फॉरेंसिक उपकरणों का उपयोग करके उच्च-प्रोफ़ाइल कंपनियों में संभावित लेखा अनियमितताओं और कॉर्पोरेट प्रशासन से संबंधित मुद्दों की खोज करती है। इस संस्था ने पहले भी निकोला, क्लोवर हेल्थ, ब्लॉक इंक, कांडी और लॉर्ड्सटाउन मोटर्स जैसी कंपनियों को निशाना बनाया है। हाल ही में, adani vs hindenburg research report आया था। जिस में भारतीय अडानी समूह पर स्टॉक में हेरफेर का आरोप लगाया था।

 

विवाद की शुरुआत:

Hindenburg ने सबसे पहले अडानी समूह के स्टॉक पर adani vs hindenburg research report publish किया।और रिपोर्ट में हेरफेर का आरोप लगाया और इसके लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) या एक विशेष जांच दल (SIT) द्वारा जांच की मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया और जांच SEBI के जिम्मे छोड़ी गई। अडानी समूह के शेयर की कीमतें Hindenburg रिपोर्ट के समय की गिरावट से उबर गईं है। जिससे Hindenburg के पहले के आरोप कमजोर हो गए।

Adani vs hindenburg-research report controversy

SEBI पर आरोप:

अब Hindenburg ने adani vs hindenburg research report के बाद SEBI की चेयरपर्सन मधाबी पुरी बुच और उनके पति पर आरोप लगाया। Hindenburg का दावा है कि बुच और उनके पति ने अडानी समूह से जुड़े अपतटीय फंड (offshore funds)में निवेश किया था, जो कथित रूप से स्टॉक हेरफेर में शामिल थे। इसके अलावा, Hindenburg ने SEBI के REIT (Real Estate Investment Trusts) नियमों में किए गए संशोधनों पर भी सवाल उठाया है, यह दावा करते हुए कि इन संशोधनों से कुछ विशेष संस्थाओं, जैसे ब्लैकस्टोन को लाभ हुआ है।

SEBI का जवाब:

SEBI ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है। SEBI ने अपने बयान में कहा है कि उनके द्वारा सभी आवश्यक खुलासे किए गए हैं और चेयरपर्सन मधाबी पुरी बुच ने किसी भी संभावित हितों के टकराव से बचने के लिए खुद को उन मामलों से अलग कर लिया है। SEBI ने यह भी कहा है कि adani vs hindenburg research report के बाद हमने अडानी समूह की गहन जांच की है। जिसमे 24 में से 23 जांच पूरी कर ली गई हैं। इस प्रकार, SEBI ने अपनी स्वतंत्रता और जांच की निष्पक्षता को बनाए रखने की कोशिश की है। इन जांचों की स्थिति को लेकर बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए SEBI ने निवेशकों से धैर्य बनाए रखने और सतर्कता से कार्य करने की अपील भी की है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया:

इस विवाद ने भारतीय राजनीति में भी हलचल मचा दी है। कांग्रेस पार्टी ने adani vs hindenburg research report और Hindenburg द्वारा लगाए गये S EBI की चेयरपर्सन मधाबी पुरी बुच और उनके पति पर इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) द्वारा जांच की मांग की है और धमकी दी है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो वे राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस की इस मांग को जबाब देते हुए इसे भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और निवेश को नष्ट करने की साजिश बताया है।

निष्कर्ष:

Hindenburg Research और SEBI के बीच यह टकराव भारतीय बाजार और इसके नियामक ढांचे के लिए एक गंभीर चुनौती है। जबकि SEBI ने अपनी स्वतंत्रता और पारदर्शिता पर जोर दिया है, इस विवाद ने निवेशकों के बीच अनिश्चितता पैदा कर दी है। इस मामले में आगे क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह विवाद जल्द ही सुलझने वाला नहीं है।

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FAQ:-

Hindenburg Research की रिपोर्ट में क्या विशेष उल्लेखनीय बातें हैं?

Hindenburg Research की रिपोर्ट में SEBI के खिलाफ लगाए गए आरोप, मधाबी पुरी बुच और उनके पति की अपतटीय फंड में निवेश की बातें, और SEBI द्वारा किए गए REIT नियमों में संशोधन शामिल हैं। रिपोर्ट ने SEBI की जांच के तरीके पर भी सवाल उठाए हैं और कुछ विशेष संस्थाओं को लाभ पहुँचाने वाले आरोप लगाए हैं।

Hindenburg Research ने SEBI के खिलाफ क्या आरोप लगाए हैं?

Hindenburg Research ने SEBI की चेयरपर्सन मधाबी पुरी बुच और उनके पति पर अडानी समूह से जुड़े अपतटीय फंड में निवेश करने का आरोप लगाया है। इस आरोप का कहना है कि ये फंड अडानी समूह के स्टॉक हेरफेर में शामिल थे। इसके अतिरिक्त, Hindenburg ने SEBI के REIT (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) नियमों में किए गए संशोधनों पर भी सवाल उठाया है, यह दावा करते हुए कि ये संशोधन कुछ विशेष संस्थाओं को लाभ पहुँचाते हैं।

SEBI ने Hindenburg Research आरोपों का कैसे जवाब दिया है?

SEBI ने इन आरोपों का कड़ा खंडन किया है और अपनी स्वतंत्रता और पारदर्शिता पर जोर दिया है। SEBI ने कहा है कि चेयरपर्सन मधाबी पुरी बुच ने संभावित हितों के टकराव से बचने के लिए खुद को उन मामलों से अलग कर लिया है। इसके अलावा, SEBI ने अडानी समूह के खिलाफ की गई 24 में से 23 जांच पूरी कर ली हैं और इस प्रक्रिया को निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ पूरा किया है।

Hindenburg Research ने SEBI को किस प्रकार का नोटिस जारी किया है?

SEBI ने Hindenburg Research, इसके संस्थापक नाथन एंडरसन और चार अन्य के खिलाफ 26 जून को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। SEBI ने आरोप लगाया था कि Hindenburg ने भारतीय बाजार नियमों का उल्लंघन किया और शॉर्ट सेलिंग से लाभ कमाने के लिए भ्रामक जानकारी फैलाई है।

Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund

बजट 2024: SIP और म्यूचुअल फंड पर सीधा असर

Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund ने निवेशकों के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव पेश किए हैं, जो SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) और म्यूचुअल फंड्स पर सीधा असर डालते हैं। इस लेख में हम इन बदलावों का गहराई से विश्लेषण करेंगे और समझेंगे कि ये कैसे आपके निवेश पोर्टफोलियो को प्रभावित कर सकते हैं।

पूंजीगत लाभ कर में बदलाव (Changes in Capital Gains Tax)

Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund के तहत सबसे बड़ा बदलाव पूंजीगत लाभ कर में हुआ है।

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) कर:

इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कर (STCG) को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। इससे उन निवेशकों पर असर पड़ेगा जो अल्पकालिक लाभ कमाने के लिए निवेश करते हैं। यह बदलाव निवेशकों के लिए थोड़ी चिंता का कारण बन सकता है क्योंकि उन्हें अब अधिक कर चुकाना पड़ेगा।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) कर:

इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) कर को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है। यह बदलाव लंबी अवधि के निवेशकों को प्रभावित करेगा। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund के इस बदलाव से उन निवेशकों को अधिक कर देनदारी का सामना करना पड़ेगा, जो अपने निवेश को लंबे समय तक बनाए रखना चाहते हैं।

छूट सीमा में वृद्धि (Increase in Exemption Limit):

बजट 2024 में, इक्विटी की बिक्री पर छूट सीमा को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹1.25 लाख कर दिया गया है। इससे निवेशकों को कुछ राहत मिलेगी क्योंकि यह बढ़ी हुई छूट सीमा उन्हें कर के बोझ से बचाएगी। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में यह बदलाव निवेशकों के लिए राहत का काम करेगा।

Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund

इंडेक्सेशन लाभ का अंत (End of Indexation Benefits)

Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund के अनुसार, अन्य संपत्तियों पर इंडेक्सेशन लाभ को समाप्त कर दिया गया है।

इंडेक्सेशन लाभ क्या होता है? (What is Indexation Benefit?)

इंडेक्सेशन लाभ निवेशकों को मुद्रास्फीति के आधार पर अपने पूंजीगत लाभ को समायोजित करने की अनुमति देता है। इसका मतलब है कि निवेशक मुद्रास्फीति के कारण हुए लाभ के हिस्से पर कर देनदारी को कम कर सकते हैं।

इंडेक्सेशन लाभ का अंत:

बजट 2024 में इंडेक्सेशन लाभ को समाप्त कर दिया गया है, जिसका अर्थ है कि अब निवेशकों को अपने लाभ को मुद्रास्फीति के आधार पर समायोजित करने की अनुमति नहीं होगी। यह निवेशकों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है क्योंकि इससे उनकी कर देनदारी बढ़ जाएगी। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में इस बदलाव से निवेशकों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।

SIP निवेशकों पर प्रभाव (Impact on SIP Investors)

Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund ने SIP निवेशकों के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।

SIP पर कर भार (Tax Burden on SIPs):

यदि आप 60 महीने के लिए ₹50,000 के SIP में निवेश कर रहे हैं, तो आपकी पूंजीगत लाभ कर की देनदारी अब ₹77,456 की तुलना में ₹94,095 हो जाएगी। यह वृद्धि SIP निवेशकों के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि उन्हें अब अधिक कर चुकाना होगा। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में इस बदलाव से SIP निवेशकों को अपनी निवेश रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।

म्यूचुअल फंड के लिए कर में छूट (Tax Relief for Mutual Funds)

Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund के तहत, कुछ फंड्स के लिए कर में छूट भी प्रदान की गई है।

फंड ऑफ फंड्स (Fund of Funds):

फंड ऑफ फंड्स पर कर दरों को घटाया गया है, जिससे निवेशकों को राहत मिलेगी। यह उन निवेशकों के लिए अच्छी खबर है जो इन फंड्स में निवेश करते हैं। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund के इस बदलाव से निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने का अवसर मिलेगा।

गोल्ड ETFs और अंतरराष्ट्रीय फंड्स (Gold ETFs and International Funds):

गोल्ड ETFs और अंतरराष्ट्रीय फंड्स पर भी कर दरों को घटाया गया है। इससे निवेशकों को अपने निवेश को और भी आकर्षक बनाने का मौका मिलेगा। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में इन फंड्स पर कर में कमी से निवेशकों को अपने निवेश को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने का अवसर मिलेगा।

नए खुदरा निवेशकों पर प्रभाव (Impact on New Retail Investors)

बढ़ी हुई कर दरें और इंडेक्सेशन लाभ के अंत ने नए खुदरा निवेशकों के लिए चुनौतियां पेश की हैं। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में यह स्पष्ट किया गया है कि ये बदलाव नए निवेशकों को प्रभावित कर सकते हैं।

सूचीबद्ध प्रतिभूतियों पर पूंजीगत लाभ कर (CGT on Listed Securities):

सूचीबद्ध प्रतिभूतियों पर पूंजीगत लाभ कर (CGT) में वृद्धि ने नए खुदरा निवेशकों को हतोत्साहित किया है। यह वृद्धि निवेशकों को अधिक कर चुकाने के लिए मजबूर कर सकती है। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में इस वृद्धि से नए निवेशकों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।

सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) में वृद्धि (Increase in Securities Transaction Tax):

डेरिवेटिव्स पर बढ़ा हुआ STT एक सकारात्मक संकेत है। इससे अनुभवी निवेशकों को लाभ होगा, क्योंकि वे इस बदलाव को अपने लाभ के लिए उपयोग कर सकते हैं। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में यह एक महत्वपूर्ण बिंदु है जो निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को समायोजित करने में मदद करेगा।

भारतीय निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड का महत्व (Importance of Mutual Funds for Indian Investors)

म्यूचुअल फंड्स भारतीय निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश माध्यम बने हुए हैं। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में म्यूचुअल फंड्स के लिए कर की संरचना में बदलाव करके उन्हें और भी आकर्षक बना दिया गया है।

SIP निवेश में स्थिरता (Stability in SIP Investments):

अप्रैल 2024 के बाद से मासिक SIP निवेश ₹20,000 करोड़ के निशान से ऊपर बना हुआ है। इससे यह स्पष्ट होता है कि निवेशक अब भी म्यूचुअल फंड्स में विश्वास करते हैं। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में इस स्थिरता को देखते हुए, निवेशक अपने निवेश को सुरक्षित मान सकते हैं।

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संपत्ति पर कर देनदारी का उदाहरण (Example of Tax Liability on Property)

यहां हम देखेंगे कि कैसे पुराने और नए कर दरों के अनुसार संपत्ति पर कर देनदारी प्रभावित होती है। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में इस विषय को विस्तार से समझाया गया है।

उदाहरण (Example):

यदि संपत्ति की खरीद मूल्य ₹100 है, और वार्षिक रिटर्न 9% से 15% के बीच हैं, तो पुराने और नए कर दरों के अनुसार कर देनदारी निम्नलिखित होगी:

  • पुराने कर दरें (Old Tax Rates): …
  • नई कर दरें (New Tax Rates): …

यह बदलाव निवेशकों को प्रभावित करेगा, खासकर उन लोगों को जिन्होंने अपने पोर्टफोलियो में संपत्ति को शामिल किया है। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में इस बदलाव से निवेशकों को अपने निवेश की रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।

SIP और म्यूचुअल फंड्स में निवेश के लिए सुझाव (Tips for Investing in SIP and Mutual Funds)

Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund के बदलावों को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:

पोर्टफोलियो में विविधता (Diversification in Portfolio):

अपने पोर्टफोलियो को विविध करें और विभिन्न प्रकार के फंड्स में निवेश करें। इससे आप जोखिम को कम कर सकते हैं और कर के बदलावों का लाभ उठा सकते हैं। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में विविधता को एक महत्वपूर्ण रणनीति के रूप में देखा गया है।

लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान दें (Focus on Long-term Investments):

लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान केंद्रित करें ताकि आप कर के बदलावों का लाभ उठा सकें। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में लंबी अवधि के निवेश को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया गया है।

नियमित रूप से अपने निवेश की समीक्षा करें (Regularly Review Your Investments):

अपने निवेश की नियमित रूप से समीक्षा करें और बदलावों के अनुसार अपनी रणनीति को समायोजित करें। Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund में इस सुझाव को लागू करके आप अपने निवेश को अधिक लाभदायक बना सकते हैं।

संक्षेप में (Summary)

Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund ने निवेशकों के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव पेश किए हैं, जो कि SIP और म्यूचुअल फंड्स पर सीधा असर डालते हैं। पूंजीगत लाभ कर दरों में वृद्धि, इंडेक्सेशन लाभ का अंत, और अन्य बदलाव निवेशकों को प्रभावित करेंगे। हालांकि, छूट सीमा में वृद्धि और कुछ फंड्स पर कर में राहत के कारण निवेशकों को कुछ राहत मिलेगी। इन सभी बदलावों को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को समायोजित करने और निवेश की रणनीति को पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।

Disclaimer:

The information provided in this article, “Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund,” is for educational and informational purposes only and should not be considered as financial or investment advice. I am not a SEBI-registered advisor, and the insights shared here are based on personal analysis and research. Readers are encouraged to consult with a certified financial advisor or SEBI-registered professional before making any investment decisions. The author assumes no responsibility for any investment decisions made based on the information provided in this content.

FAQ:-

बजट 2024 में SIP के लिए क्या बदलाव किए गए हैं?

Budget 2024 highlights for SIP and Mutual Fund के तहत, SIP पर शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कर की दरों में वृद्धि की गई है।

बजट 2024 में म्यूचुअल फंड्स के लिए कर में कौन-कौन से लाभ दिए गए हैं?

गोल्ड ETFs और फंड ऑफ फंड्स पर कर की दरों को घटाया गया है, जिससे निवेशकों को राहत मिलेगी।

SIP निवेशकों को अपनी रणनीति कैसे बदलनी चाहिए?

निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को समायोजित करने और लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है।

बजट 2024 के बदलावों के बाद निवेशकों को क्या करना चाहिए?

निवेशकों को अपने निवेश की नियमित समीक्षा करनी चाहिए और नए कर दरों के अनुसार अपनी रणनीति को समायोजित करना चाहिए।

बजट 2024 में डेरिवेटिव्स पर बढ़ा हुआ STT किसके लिए लाभकारी है?

अनुभवी निवेशकों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि वे इसे अपने लाभ के लिए उपयोग कर सकते हैं।

बजट 2024 में क्या छूट सीमा में वृद्धि से निवेशकों को लाभ होगा?

हां, छूट सीमा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹1.25 लाख कर दी गई है, जिससे निवेशकों को कुछ राहत मिलेगी।

difference between sharpe ratio and treynor ratio (शार्प अनुपात और ट्रेयनोर अनुपात अंतर)

Sharpe Ratio और Treynor Ratio के बीच का अंतर

Financial क्षेत्र में, निवेश के प्रदर्शन का मूल्यांकन करना सूचित निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण है। आये समझते है। difference between sharpe ratio and treynor ratio .विभिन्न मीट्रिक्स में से, Sharpe Ratio और Treynor Ratio दो प्रमुख हैं। दोनों का उद्देश्य जोखिम-समायोजित रिटर्न को मापना है, लेकिन वे इसे अलग-अलग तरीकों से करते हैं, जो जोखिम और रिटर्न के विभिन्न पहलुओं को पूरा करते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम इन दोनों अनुपातों के बीच के अंतर को समझेंगे, जिससे आपको इनके विशिष्ट गुणों और अनुप्रयोगों को समझने में मदद मिलेगी।

Sharpe Ratio क्या है?

Sharpe Ratio, नोबेल पुरस्कार विजेता विलियम एफ. शार्प के नाम पर, एक माप है जिसका उपयोग निवेश के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है, जो उसके जोखिम को समायोजित करता है। इसे निवेश के रिटर्न से जोखिम-मुक्त दर (आमतौर पर सरकारी बांडों का रिटर्न) घटाकर, और फिर उस निवेश के रिटर्न की मानक विचलन से विभाजित करके गणना की जाती है। इसका सूत्र है:

sharpe ratio formula

Sharpe Ratio विभिन्न निवेशों के जोखिम-समायोजित प्रदर्शन की तुलना करने का एक तरीका प्रदान करता है। उच्च Sharpe Ratio बेहतर जोखिम-समायोजित रिटर्न को इंगित करता है, जिसका मतलब है कि निवेश ने एक दिए गए जोखिम स्तर के लिए उच्च रिटर्न प्रदान किया है।

Treynor Ratio क्या है?

Treynor Ratio, जैक ट्रेयनोर द्वारा विकसित, एक और मेट्रिक है जिसका उपयोग जोखिम-समायोजित प्रदर्शन को मापने के लिए किया जाता है, लेकिन यह कुल जोखिम की बजाय व्यवस्थित जोखिम पर केंद्रित है। Treynor Ratio निवेश के रिटर्न से जोखिम-मुक्त दर घटाकर, और फिर उस निवेश के बीटा से विभाजित करके गणना की जाती है। इसका सूत्र है:

Treynor Ratio इस बात का मूल्यांकन करता है कि निवेश बाजार जोखिम को लेने के लिए निवेशकों को कितना अच्छा मुआवजा देता है। उच्च Treynor Ratio बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है, जोखिम-समायोजित रिटर्न के संदर्भ में केवल व्यवस्थित जोखिम पर विचार करता है।

difference between sharpe ratio and treynor ratio

Difference between Sharpe ratio and Treynor ratio (Difference Table)

 

विशेषता (Characteristic)Sharpe RatioTreynor Ratio
जोखिम का विचार (Risk Consideration)कुल जोखिम (मानक विचलन)केवल व्यवस्थित जोखिम (बीटा)
अनुप्रयोग (Application)व्यक्तिगत निवेश और विविध पोर्टफोलियोविविध पोर्टफोलियो में निवेश
व्याख्या (Interpretation)उच्च अनुपात बेहतर जोखिम-समायोजित रिटर्न को दर्शाता हैउच्च अनुपात बाजार जोखिम के प्रति बेहतर रिटर्न को दर्शाता है
जोखिम के घटक (Components of Risk)बाजार जोखिम और विशिष्ट जोखिम दोनोंकेवल बाजार जोखिम

 

सरल शब्दों में समझें है What is Sharpe ratio and Treynor ratio?

Sharpe Ratio और Treynor Ratio के बीच चयन करते समय, निवेश के संदर्भ को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। अगर आप अलग-अलग प्रकार के निवेश देख रहे हैं, तो Sharpe Ratio अधिक उपयोगी हो सकता है क्योंकि यह सभी प्रकार के जोखिम को ध्यान में रखता है। वहीं, अगर आप एक विविध पोर्टफोलियो पर ध्यान दे रहे हैं, तो Treynor Ratio अधिक प्रासंगिक हो सकता है क्योंकि यह केवल बाजार जोखिम पर ध्यान केंद्रित करता है, मानते हुए कि असंगठित जोखिम को विविधीकरण से कम किया गया है।

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Example of Sharpe ratio and Treynor ratio.

मान लीजिए आपके पास दो निवेश विकल्प हैं:

  • निवेश A: जो उच्च रिटर्न देता है लेकिन बहुत अधिक उतार-चढ़ाव (उच्च जोखिम) के साथ आता है।
  • निवेश B: जो मध्यम रिटर्न देता है लेकिन बाजार के प्रति अधिक संवेदनशील है (उच्च बीटा)।

Sharpe Ratio का उपयोग

अगर आप एक व्यक्तिगत निवेशक हैं और आप दोनों निवेशों का मूल्यांकन करना चाहते हैं, तो आप Sharpe Ratio का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि यह कुल जोखिम (उतार-चढ़ाव) को ध्यान में रखता है।

उदाहरण:

  • निवेश A का Sharpe Ratio: 1.2
  • निवेश B का Sharpe Ratio: 0.8

इससे पता चलता है कि निवेश A ने उच्च रिटर्न के लिए बेहतर जोखिम-समायोजित रिटर्न प्रदान किया है।

Treynor Ratio का उपयोग

अगर आप एक पोर्टफोलियो प्रबंधक हैं और आपके पोर्टफोलियो में विभिन्न निवेश शामिल हैं, तो आप Treynor Ratio का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि यह बाजार जोखिम (बीटा) पर केंद्रित है और यह मानता है कि असंगठित जोखिम को विविधीकरण द्वारा कम किया गया है।

उदाहरण:

  • निवेश A का Treynor Ratio: 0.5
  • निवेश B का Treynor Ratio: 0.9

इससे पता चलता है कि निवेश B ने बाजार जोखिम के प्रति बेहतर रिटर्न प्रदान किया है।

इस प्रकार, दोनों अनुपातों का सही उपयोग करके, आप विभिन्न निवेश परिदृश्यों में बेहतर और सूचित निर्णय ले सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

Sharpe Ratio और Treynor Ratio दोनों ही जोखिम-समायोजित प्रदर्शन का आकलन करने के लिए मूल्यवान उपकरण हैं, लेकिन वे अलग-अलग उद्देश्यों की सेवा करते हैं। Sharpe Ratio कुल जोखिम का व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है, जबकि Treynor Ratio बाजार जोखिम पर केंद्रित है। इन अंतरों को समझकर निवेशक और पोर्टफोलियो प्रबंधक बेहतर निर्णय ले सकते हैं, उनकी जोखिम प्रबंधन रणनीतियों को उनके निवेश लक्ष्यों के साथ संरेखित कर सकते हैं। इन अनुपातों का उपयुक्त उपयोग करके, कोई भी वित्तीय निवेश के जटिल परिदृश्य को बेहतर ढंग से नेविगेट कर सकता है।

Sharpe Ratio क्या है?

उत्तर: Sharpe Ratio एक मेट्रिक है जो निवेश के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है, जिसमें जोखिम को ध्यान में रखते हुए रिटर्न को मापा जाता है।

Treynor Ratio क्या है?

उत्तर: Treynor Ratio एक मेट्रिक है जो निवेश के प्रदर्शन को व्यवस्थित जोखिम के संदर्भ में मापता है, जो निवेश के बाजार जोखिम को दर्शाता है।

Sharpe Ratio और Treynor Ratio के बीच मुख्य अंतर क्या है?

उत्तर: Sharpe Ratio कुल जोखिम (मानक विचलन) को ध्यान में रखता है, जबकि Treynor Ratio केवल बाजार जोखिम (बीटा) को ध्यान में रखता है।

Sharpe Ratio का उपयोग कब किया जाना चाहिए?

उत्तर: Sharpe Ratio का उपयोग तब करना चाहिए जब आप व्यक्तिगत निवेश या विविध पोर्टफोलियो के जोखिम-समायोजित प्रदर्शन का मूल्यांकन कर रहे हों।

Treynor Ratio का उपयोग कब किया जाना चाहिए?

उत्तर: Treynor Ratio का उपयोग तब करना चाहिए जब आप एक विविध पोर्टफोलियो में निवेश का मूल्यांकन कर रहे हों और बाजार जोखिम पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हों।

Sharpe Ratio और Treynor Ratio का कौन सा अनुपात अधिक महत्वपूर्ण है?

उत्तर: यह निवेश की स्थिति पर निर्भर करता है। व्यक्तिगत निवेशकों के लिए Sharpe Ratio अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है, जबकि पोर्टफोलियो प्रबंधकों के लिए Treynor Ratio अधिक प्रासंगिक हो सकता है।

क्या Sharpe Ratio और Treynor Ratio दोनों का उपयोग एक साथ किया जा सकता है?

उत्तर: हां, दोनों अनुपातों का उपयोग एक साथ किया जा सकता है ताकि निवेश के प्रदर्शन का व्यापक मूल्यांकन किया जा सके, जो कुल जोखिम और बाजार जोखिम दोनों को ध्यान में रखता है।

उच्च Sharpe Ratio या Treynor Ratio का क्या अर्थ है?

उत्तर: उच्च Sharpe Ratio या Treynor Ratio का अर्थ है कि निवेश ने बेहतर जोखिम-समायोजित रिटर्न प्रदान किया है। Sharpe Ratio कुल जोखिम के प्रति बेहतर रिटर्न दर्शाता है, जबकि Treynor Ratio बाजार जोखिम के प्रति बेहतर रिटर्न दर्शाता है।

SBI Green Rupee Term Deposit Scheme: पर्यावरण बचाएं, मुनाफा कमाएं

क्या आप पर्यावरण को बेहतर बनाने में अपना योगदान देना चाहते हैं? अगर हाँ, तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की “SBI Green Rupee Term Deposits Scheme” आपके लिए एक बेहतरीन अवसर है। यह एक खास फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) योजना है जो आपको निवेश करने का मौका देती है हरित गतिविधियों और परियोजनाओं में, और साथ ही साथ अच्छा मुनाफा भी कमाने का मौका देती है।

योजना कैसे काम करती है?

  • SBI Green Rupee Term Deposit Scheme में, आपका पैसा नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण जैसे पर्यावरणअनुकूल परियोजनाओं में निवेश किया जाता है।
  • आप तीन अलगअलग अवधियों में से एक चुन सकते हैं: 1111 दिन, 1777 दिन और 2222 दिन।
  • प्रत्येक अवधि के लिए ब्याज दरें अलगअलग हैं:
  • 1111 और 1777 दिनों की FD पर – 6.65%
  • 2222 दिनों की FD पर – 6.40%
  • वरिष्ठ नागरिकों को – 1111 और 1777 दिनों की FD पर 7.15% और 2222 दिनों की FD पर 7.40%
  • आप SBI की किसी भी शाखा में जाकर या Yono ऐप के माध्यम से इस योजना में निवेश कर सकते हैं।

SBI Green Rupee Term Deposit Scheme in hindi

योजना के लाभ:

  • पर्यावरण को बचाने में योगदान: आपका निवेश हरित परियोजनाओं को सपोर्ट करता है, जो पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
  • अच्छा मुनाफा: आपको आकर्षक ब्याज दरें मिलती हैं, जो आपको अच्छा रिटर्न प्रदान करती हैं।
  • लचीलापन: आप अपनी सुविधानुसार तीन अवधियों में से एक चुन सकते हैं।
  • अतिरिक्त लाभ: वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज दरों में वृद्धि मिलती है।
  • लोन सुविधा: आप अपनी जमा राशि पर लोन भी ले सकते हैं।
  • सुरक्षा: SBI एक विश्वसनीय और प्रतिष्ठित बैंक है, जो आपके निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

उदाहरण:

मान लीजिए आप पर्यावरण को बचाने में योगदान देना चाहते हैं और 5 साल (1777 दिन) के लिए ₹10,000 का निवेश करना चाहते हैं। SBI Green Rupee Term Deposit Scheme में, आपको 6.65% की ब्याज दर मिलेगी।

परिपक्वता पर, आपको ₹11,777 प्राप्त होंगे, जिसमें आपके ₹10,000 मूलधन और ₹1,777 ब्याज शामिल होंगे।

यह केवल पर्यावरण को बचाने में मदद करेगा, बल्कि आपको अच्छा रिटर्न भी प्रदान करेगा।

योजना में निवेश कैसे करें:

  • SBI की किसी भी शाखा में जाएं और FD फॉर्म भरें।
  • “SBI Green Rupee Term Deposit” योजना चुनें।
  • अपनी पसंदीदा अवधि और जमा राशि चुनें।
  • आवश्यक दस्तावेज जमा करें और KYC प्रक्रिया पूरी करें।
  • अपना निवेश करें और पर्यावरण को बचाने में योगदान दें!
  • मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने पर अन्य FD योजनाओं की तरह पेनल्टी लगेगी।
  • आप जरूरत पड़ने पर इस खाते को SBI की किसी अन्य शाखा में ट्रांसफर भी करवा सकते हैं।

SBI Green Rupee Term Deposit Scheme उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है जो **पर्यावरण के प्रति जागर

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SBI Green Rupee Term Deposit Scheme Merits: & Demerits:

Merits:

  1. पर्यावरण संरक्षण: हरित परियोजनाओं में निवेश से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव।
  2. अच्छा मुनाफा: आकर्षक ब्याज दरें (6.65% से 6.40%)।
  3. वरिष्ठ नागरिकों के लिए अतिरिक्त लाभ: उच्च ब्याज दरें (7.15% और 7.40%)।
  4. लोन सुविधा: जमा राशि पर लोन की सुविधा।
  5. लचीलापन: तीन अलग-अलग अवधियों का विकल्प।
  6. सुरक्षा: SBI की विश्वसनीयता।

Demerits:

  1. मैच्योरिटी से पहले निकासी पर पेनल्टी: समय से पहले पैसा निकालने पर पेनल्टी।
  2. लिमिटेड ब्याज दरें: ब्याज दरें बाजार की दरों के अनुसार कम हो सकती हैं।
  3. लंबी अवधि का निवेश: 1111, 1777, और 2222 दिनों की लंबी अवधि।

SBI Green Rupee Term Deposit Scheme पर्यावरण की रक्षा और मुनाफा कमाने का एक अच्छा तरीका है, हालांकि इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए।

सारांश

SBI की “SBI Green Rupee Term Deposit Scheme” में निवेश करके आप हरित परियोजनाओं में योगदान दे सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसमें आपका पैसा नवीकरणीय ऊर्जा, जल संरक्षण, और प्रदूषण नियंत्रण जैसी परियोजनाओं में निवेश होता है। तीन अवधि विकल्प: 1111 दिन, 1777 दिन और 2222 दिन हैं। ब्याज दरें 6.65% से 6.40% तक हैं, और वरिष्ठ नागरिकों को उच्च ब्याज दर मिलती है। आप SBI की शाखा या Yono ऐप से निवेश कर सकते हैं। यह योजना पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ अच्छा रिटर्न भी देती है।

FAQ:-

1.एसबीआई ग्रीन फंड क्या है?

एसबीआई ग्रीन फंड, जिसे “SBI Green Rupee Term Deposit Scheme” भी कहा जाता है, एक विशेष फिक्स्ड डिपॉजिट योजना है जिसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने पर्यावरण-अनुकूल परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से शुरू किया है। इस योजना में निवेशकों का पैसा नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण जैसी हरित परियोजनाओं में निवेश किया जाता है। यह योजना निवेशकों को आकर्षक ब्याज दरों पर मुनाफा कमाने का मौका देती है, साथ ही पर्यावरण को बचाने में भी उनका योगदान सुनिश्चित करती है।

2.SBI Green Rupee Term Deposit Scheme इस योजना में कितनी अवधि के लिए निवेश किया जा सकता है?

आप तीन अलग-अलग अवधियों में निवेश कर सकते हैं: 1111 दिन, 1777 दिन और 2222 दिन।

3.Green Rupee Term Deposit योजना में कौन निवेश कर सकता है?

कोई भी व्यक्ति, चाहे वह भारतीय नागरिक हो या NRI, इस योजना में निवेश कर सकता है।

4.Green Rupee Term Deposit scheme में ब्याज दरें क्या हैं?

1111 और 1777 दिनों की FD पर 6.65% ब्याज, 2222 दिनों की FD पर 6.40% ब्याज मिलता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1111 और 1777 दिनों की FD पर 7.15% और 2222 दिनों की FD पर 7.40% ब्याज मिलता है।

5.मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने पर क्या होगा?

अन्य फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं की तरह, मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने पर पेनल्टी लगेगी।

6.SBI Green Rupee Term Deposit योजना में निवेश कैसे करें?

आप SBI की किसी भी शाखा में जाकर या Yono ऐप के माध्यम से इस योजना में निवेश कर सकते हैं।

7.क्या SBI Green Rupee Term Deposit योजना में लोन की सुविधा उपलब्ध है?

हां, आप अपनी जमा राशि पर लोन भी ले सकते हैं।

Mobikwik: लाभप्रदता की ओर मजबूत कदम, Prepaid Payment instruments 2024 में 23% तक पहुंच गया है।

  Mobikwik  सहसंस्थापक उपासना टाकु FY24 में सफलता को लेकर आश्वस्त है।

Mobikwik का Prepaid payment instruments (PPI)  बहुत तेजी से बढ़ रहा है। मई में 23% तक पहुंच गया है। साथ ही  कंपनी IPO के लिए तैयार है। दोस्तों जैसा की  आपको पता है।मोबाइल  वॉलेट और वित्तीय सेवाओं का प्लेटफॉर्म और पयोगकर्ताओं को पैसे भेजने और प्राप्त करने, व्यवसायों और उपयोगिता बिलों का भुगतान करने, ऑनलाइन या स्टोर्स में खरीदारी करने, और त्वरित डिजिटल ऋण जैसी वित्तीय उत्पादों तक पहुंच प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करने वाली कंपनी Mobikwik  और उसके सह-संस्थापक उपासना टाकु  ने लेकर आश्वस्त की  FY24  कंपनी के लिए बहुत अच्छा होने वाला है।   क्यों की कंपनी का Prepaid payment instruments (PPI)  बहुत तेजी से बढ़ रहा है।

Mobikwik & Prepaid payment instruments (PPI) 2024

  • Mobikwik वित्तीय वर्ष 2023-24 में लाभप्रदता हासिल करने की राह पर है, सह-संस्थापक और सीएफओ उपासना टाकु के अनुसार।
  • कंपनी का Prepaid payment instruments (PPI) वॉलेट तेजी से बढ़ रहा है, मई में 23% तक पहुंच गया है।
  • Mobikwik ने खर्चों को आधा कर दिया है, जिससे लाभप्रदता में सुधार हुआ है।
  • कंपनी IPO के लिए तैयार है और अगले सप्ताह वित्तीय वर्ष 24 के परिणाम जारी करने की उम्मीद है।

Prepaid Payment instruments Mobikwik

Mobikwik IPO 2024 IPO की तैयारी में

Mobikwik, एक फिनटेक यूनिकॉर्न जो IPO की तैयारी कर रहा है, वित्तीय वर्ष 2023-24 में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। कंपनी पूरे वर्ष लाभप्रदता हासिल करने के लिए तैयार है, यह दर्शाता है कि यह एक मजबूत और टिकाऊ व्यवसाय मॉडल विकसित कर रहा है।

वॉलेट की मात्रा 23% तक बढ़ गया

इस सफलता के पीछे मुख्य कारक Prepaid payment instruments (PPI) वॉलेट में मजबूत वृद्धि है। मई में, वॉलेट की मात्रा 23% तक बढ़ गई, जो दर्शाता है कि अधिक से अधिक लोग भुगतान के लिए Mobikwik का उपयोग कर रहे हैं।

इसके अलावा, कंपनी ने अपनी लागतों को भी कम किया है, जो लाभप्रदता को और बढ़ावा देता है। 2024 की पहली छमाही में, Mobikwik ने अपने खर्चों को 50% तक कम कर दिया, जिससे उसे लाभप्राप्ति में मदद मिली।

कुल मिलाकर, Mobikwik मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दिखा रहा है और IPO के लिए तैयार है। सह-संस्थापक और सीएफओ उपासना टाकु FY24 में सफलता को लेकर आश्वस्त हैं, और कंपनी आने वाले वर्षों में और भी अधिक विकास हासिल करने की उम्मीद करती है।

सारांश

Mobikwik लाभ की ओर बढ़ रहा है! कंपनी Prepaid payment instruments भुगतान वॉलेट की मजबूत वृद्धि और लागत में कटौती के कारण वित्तीय वर्ष 2023-24 में लाभ कमाने की राह पर है।

अर्थात, Mobikwik इस वित्तीय वर्ष में लाभ कमाने की उम्मीद कर रहा है, जो इस बात का संकेत है कि कंपनी एक मजबूत और टिकाऊ व्यापार मॉडल विकसित कर रही है।

और अधिक जानकारी के लिए ये भी पढ़े। इंडियन ऑयल का बड़ा लक्ष्य: 2030

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प्रश्न:Mobikwik के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 कैसा रहने वाला है?

उत्तर:Mobikwik के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 काफी अच्छा रहने वाला है। कंपनी इस पूरे वर्ष लाभ कमाने की उम्मीद कर रही है।

प्रश्न: Mobikwik की लाभप्रदता में क्या मदद कर रहा है?

उत्तर: Mobikwik की लाभप्रदता में दो मुख्य कारक मदद कर रहे हैं: पहला, कंपनी के Prepaid payment instruments (PPI) वॉलेट में मजबूत वृद्धि और दूसरा, लागत में कटौती।

प्रश्न: Mobikwik के PPI वॉलेट का प्रदर्शन कैसा रहा है?

उत्तर: Mobikwik के Prepaid payment instruments (PPI )वॉलेट ने शानदार प्रदर्शन किया है। मई तक, वॉलेट की मात्रा में 23% की वृद्धि देखी गई है, जो दर्शाता है कि अधिक लोग भुगतान के लिए Mobikwik का इस्तेमाल कर रहे हैं।

प्रश्न: Mobikwik ने लागत कम करने के लिए क्या कदम उठाए?

उत्तर: लेख में इस बारे में विशिष्ट जानकारी नहीं दी गई है कि Mobikwik ने लागत कम करने के लिए क्या कदम उठाए, लेकिन यह बताया गया है कि कंपनी ने अपने खर्चों में 50% की कमी की है।

प्रश्न: Mobikwik की भविष्य की योजनाएं क्या हैं?

उत्तर: Mobikwik IPO के लिए तैयार है और आने वाले वर्षों में और भी अधिक विकास हासिल करने की उम्मीद कर रही है।

पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड और क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड कौन सा है सबसे बेस्ट ?quant flexi cap vs parag parikh flexi cap

 

दोस्तों आइये समझते है। quant flexi cap vs parag parikh flexi cap review इससे हिंदी में समझने की कोशिश करते है। इन दो प्रमुख फ्लेक्सी कैप फंड्स को उनके उनके प्रदर्शन, रिटर्न, और जोखिम के आधार पर समझते है। कौन सा बेस्ट है ? सबसे पहले देखते है। पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड

पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड (डायरेक्टग्रोथ) की समीक्षा (Review) (parag Parikh flexi cap fund direct growth)

फंडकी मुख्य विशेषताएं:

  • प्रकार: फ्लेक्सी कैप (flexi cap)
  • लॉन्च के बाद से रिटर्न: 21.09% सालाना (Yearly)
  • रिटर्न की निरंतरता: यह फंड फ्लेक्सी कैप श्रेणी में लगातार रिटर्न देने वाले सर्वश्रेष्ठ फंडों में से एक है।
  • अस्थिरता (volatility) से बचाव: यह फंड अस्थिरता (volatility) से बचाने में उत्कृष्ट है।
  • रिटर्न में बेहतर प्रदर्शन: पिछले 10 वर्षों में इस फंड ने सर्वाधिक रिटर्न दिया है।
  • संभावना: 5 साल तक निवेश रखने पर 70% मामलों में 16.23% वार्षिक रिटर्न दिया है।
  • रिटर्न/जोखिम: यह फंड जोखिम की प्रत्येक इकाई पर 20% ज्यादा रिटर्न देता है।
  • एग्जिट लोड: 10% से अधिक राशि निकालने पर 365 दिन के अंदर 2% और 365 दिन के बाद 1% निकास शुल्क।
  • कुल संपत्ति प्रबंधन (AUM): ₹66,384 करोड़
  • लॉकइन पीरियड: नहीं
  • फंड की आयु: 11 वर्ष 1 माह (13 मई 2013 से)
  • बेंचमार्क: निफ्टी 500 ट्राई (NIFTY 500 TRI)

quant flexi cap vs parag parikh flexi cap

Asset allocation parag parikh flexi cap fund (31 मई 2024 तक):

  • इक्विटी: (Equity) 83.89%
  • डेट: (debt )15.21%
  • अन्य:((other) 0.89%

शीर्ष होल्डिंग्स🙁 Top holdings parag parikh flexi cap fund current year 2024)

  1. एचडीएफसी बैंक लिमिटेड (hdfc bank ltd) (8.42%)
  2. पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ( PGCIL) (6.35%)
  3. बजाज होल्डिंग्स एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (Bajaj Holdings and Investment Ltd) (6.03%)
  4. आईटीसी लिमिटेड  (ITC Limited ) (5.45%)

शीर्ष सेक्टर🙁 Sector allocation by parag parikh flexi cap fund)

  1. वित्तीय (Financial) (30.97%)
  2. सेवाएं (Services) (13.30%)
  3. प्रौद्योगिकी (Technology) (9.28%)
  4. ऊर्जा (Energy) (7.25%)

क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड डायरेक्टग्रोथ की समीक्षा ( quant flexi cap direct growth Review)  

फंड की मुख्य विशेषताएं: (Key Features of quant flexi cap fund)

  • रिटर्न की निरंतरता: (Constancy of Returns:) यह फंड फ्लेक्सी कैप श्रेणी में निरंतर रिटर्न देने वाले श्रेष्ठ फंडों में से एक है।
  • संभावना (Possibility🙂 5 साल तक निवेश रखने पर 70% मामलों में 17.25% वार्षिक रिटर्न दिया है।
  • फंड की आयु: (Age of the fund) 11 वर्ष 6 माह (01 जनवरी 2013 से)
  • एग्जिट लोड: (Exit load )15 दिनों के भीतर रिडीम करने पर 1% एग्जिट लोड।
  • रिटर्न में बेहतर प्रदर्शन: (Better performance in returns) पिछले 10 वर्षों में इस फंड ने सर्वाधिक रिटर्न दिया है।
  • रिटर्न/जोखिम: (Return/Risk:) यह फंड जोखिम की प्रत्येक इकाई पर 20% ज्यादा रिटर्न देता है।
  • अस्थिरता (volatility) से बचाव: (यह फंड अस्थिरता से बचाव के मामले में निचले स्थान पर है।
  • कुल संपत्ति प्रबंधन (AUM): ₹6,272 करोड़
  • लॉकइन: नहीं
  • बेंचमार्क: निफ्टी 500 ट्राई (NIFTY 500 TRI)

(Asset allocation quant flexi cap direct (31 मई 2024 तक):

  • इक्विटी: (Equity) 92.98%
  • डेट: (debt )3.56%
  • अन्य:(Other) 3.47%

शीर्ष होल्डिंग्स:(Top Holding of quant flexi cap fund)

  1. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) (9.46%)
  2. एचडीएफसी बैंक लिमिटेड (HDFC Bank Limited) (5.87%)
  3. अदानी पावर लिमिटेड (Adani Power Limited) (5.16%)
  4. कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड (Kotak Mahindra Bank Limited) (4.82%)

शीर्ष सेक्टर: 🙁 Sector allocation by quant flexi cap fund)

  1. वित्तीय (Financial) (25.42%)
  2. ऊर्जा (Energy) (21.75%)
  3. उपभोक्ता सामान Consumer goods (7.89%)
  4. हेल्थकेयर Healthcare (6.77%)

तुलना सारणी: quant flexi cap vs parag parikh flexi cap compare (कौन सा फण्ड सबसे अच्छा है ? parag parikh या quant flexi cap fund ?

तुलना सारणी: quant flexi cap vs parag parikh flexi cap
विशेषतापराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंडक्वांट फ्लेक्सी कैप फंड
प्रकार(Type of Fund)फ्लेक्सी कैप (flexi cap)फ्लेक्सी कैप (flexi cap)
लॉन्च के बाद से रिटर्न21.09% सालाना20.04% सालाना
रिटर्न की निरंतरताउत्कृष्टउत्कृष्ट
अस्थिरता से बचावउच्चनिम्न
रिटर्न में बेहतर प्रदर्शनपिछले 10 वर्षों में सर्वाधिक रिटर्नपिछले 10 वर्षों में सर्वाधिक रिटर्न
संभावना70% मामलों में 16.23% वार्षिक रिटर्न70% मामलों में 17.25% वार्षिक रिटर्न
रिटर्न/जोखिम20% ज्यादा रिटर्न20% ज्यादा रिटर्न
एग्जिट लोड10% से अधिक राशि निकालने पर 1-2%15 दिनों के भीतर रिडेम्पशन पर 1%
फीस अनुपात0.62%0.59%
कुल संपत्ति प्रबंधन (AUM)₹66,384 करोड़₹6,272 करोड़
लॉक-इन पीरियडनहींनहीं
फंड की आयु11 वर्ष 1 माह11 वर्ष 6 माह
बेंचमार्कनिफ्टी 500 ट्राईनिफ्टी 500 ट्राई
इक्विटी आवंटन83.89%92.98%
डेट आवंटन15.21%3.56%
अन्य आवंटन0.89%3.47%
शीर्ष होल्डिंग्सएचडीएफसी बैंक लिमिटेड, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, बजाज होल्डिंग्स, आईटीसी लिमिटेडरिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, अदानी पावर लिमिटेड, कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड
शीर्ष सेक्टरवित्तीय, सेवाएं, प्रौद्योगिकी, ऊर्जावित्तीय, ऊर्जा, उपभोक्ता सामान, हेल्थकेयर

 

निष्कर्ष (quant flexi cap vs parag parikh flexi cap)

पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड और क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड दोनों ही निवेशकों के लिए उत्कृष्ट विकल्प हैं। पराग पारिख फंड अधिक स्थिरता और कम अस्थिरता के लिए उपयुक्त है, जबकि क्वांट फंड उच्च रिटर्न की संभावना के साथ अधिक जोखिम उठाने वाले निवेशकों के लिए आदर्श है। निवेशक अपनी जोखिम सहनशीलता और निवेश लक्ष्यों के अनुसार इन फंडों का चयन कर सकते हैं।

Disclaimer

यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले, एक योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें जो आपके जोखिम सहनशीलता और निवेश लक्ष्यों को ध्यान में रख सके।

अगर आप स्टॉक मार्किट निवेश करते है। और SIP के बारे में जानना चाहते है तो इस ब्लॉग पोस्ट को पढ़े।

Tata Elxsi share Price 2030 target

SIP क्या है? इसमें कैसे निवेश किया जा सकता है ?

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FAQ:-

पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड क्या है?

पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड एक म्यूचुअल फंड है जो फ्लेक्सी कैप श्रेणी में आता है और विभिन्न बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों में निवेश करता है।

. क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड का प्रदर्शन कैसा है?

? क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड ने पिछले 10 वर्षों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, और 5 साल के निवेश पर 17.25% वार्षिक रिटर्न दिया है।

पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड की फीस क्या है?

पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड का फीस अनुपात 0.62% है।

क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड में निवेश करने का न्यूनतम राशि क्या है?

क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड में SIP के माध्यम से न्यूनतम ₹1000 और लम्पसम निवेश के लिए ₹5000 है।

क्या पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड में लॉक-इन पीरियड है?

नहीं, पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड में कोई लॉक-इन पीरियड नहीं है।

पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड की शीर्ष होल्डिंग्स क्या हैं?

पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड की शीर्ष होल्डिंग्स में एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, बजाज होल्डिंग्स एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड, और आईटीसी लिमिटेड शामिल हैं।

क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड की अस्थिरता कैसे है?

क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड अस्थिरता से बचाव के मामले में निचले स्थान पर है।

क्या क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड ने पिछले 10 वर्षों में सर्वाधिक रिटर्न दिया है?

हाँ, क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड ने पिछले 10 वर्षों में फ्लेक्सी कैप फंडों में से सर्वाधिक रिटर्न दिया है।

पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड का AUM कितना है?

पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड का कुल संपत्ति प्रबंधन (AUM) ₹66,384 करोड़ है।

किस फंड में अधिक जोखिम है, पराग पारिख या क्वांट फ्लेक्सी कैप?

? क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड में पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड की तुलना में अधिक जोखिम है।

Indian Oil’s Big Goal: 20 Million Tonnes LNG Business by 2030

इंडियन ऑयल का बड़ा लक्ष्य: 2030 तक 20 मिलियन टन LNG कारोबार Indian Oil’s Big Goal Business by 2030 

नई दिल्ली: भारत की सबसे बड़ी तेल और गैस कंपनी, इंडियन ऑयल (Indian Oil) अपनी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) कारोबार को 2030 तक 20 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) तक बढ़ाने की योजना बना रही है। यह मौजूदा 7.8 MTPA से ढाई गुना से अधिक होगा। यह जानकारी Money control, Yahoo News, और THE Print सहित कई विश्वसनीय समाचार स्रोतों द्वारा रिपोर्ट की गई है।

Indian oil target 2030

 विकास प्रमुख सुजॉय चौधरी ( Indian oil Big Goal Business by 2030)

विकास प्रमुख सुजॉय चौधरी ने गुरुवार को एक उद्योग सम्मेलन में यह घोषणा करते हुए कहा कि बिजली क्षेत्र भारत में LNG की मांग को बढ़ाने में एक प्रमुख कारक होगा। उन्होंने बताया कि देश में बिजली उत्पादन में तेजी से बढ़ते कोयले की जगह LNG का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इसके अलावा, LNG का इस्तेमाल उर्वरक, पेट्रोकेमिकल्स और स्टील जैसे उद्योगों में भी बढ़ रहा है।

इंडियन ऑयल (Indian Oil) ने LNG कारोबार को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इनमें LNG टर्मिनलों और रिगैसिफिकेशन प्लांट्स की स्थापना, LNG पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार और LNG बंकरिंग सुविधाओं का विकास शामिल है।

कंपनी का मानना है कि LNG भारत के ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। LNG एक स्वच्छ ईंधन है जो कोयले और तेल की तुलना में कम प्रदूषण पैदा करता है। यह भारत के जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद करेगा।

सूत्रों के अनुसार, इंडियन ऑयल पहले से ही कई देशों से LNG की खरीद के लिए बातचीत कर रहा है। कंपनी घरेलू गैस उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी कदम उठा रही है।

यह कदम भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा और देश को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने में मदद करेगा।

 

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ITC Salary “आईटीसी में करोड़पति कर्मचारियों की संख्या बढ़ी”

ITC Salary: – आईटीसी में करोड़पति कर्मचारियों की धमाकेदार एंट्री!

आईटीसी Limited में इस साल बड़ी तादाद में ऐसे कर्मचारी शामिल हुए जिनकी सालाना कमाई एक करोड़ रुपये से ऊपर है! पिछले साल के मुकाबले इस बार यह आंकड़ा 24% ज्यादा है. कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार 68 नए उच्च-पदस्थ अधिकारी करोड़पति क्लब में शामिल हुए, जिससे कुल करोड़पति कर्मचारियों की संख्या 350 हो गई.

यह उछाल इस बात का संकेत है कि आईटीसी का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है जिस से  ITC Salary  देने में कोई कमी नहीं कर रहा है। और कंपनी को मुनाफा भी अच्छा हो रहा है. कुल मिलाकर कर्मचारियों पर होने वाला खर्च भी 7% बढ़ा है, जिसमें वेतन और तनख्वाह शामिल है.

अखबारों की रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईटीसी अपने कारोबार को लगातार फैला रही है, इसीलिए उन्हें ज्यादा लोगों की जरूरत पड़ रही है. पिछले 2-3 सालों में कंपनी ने 8 नए कारखाने और 2 होटल खोले हैं.

कंपनी के मुनाफे में भी 24% का इजाफा हुआ है. मार्च 2024 तक आईटीसी के 24,567 स्थायी कर्मचारी थे. इन कर्मचारियों की औसत कमाई में भी 10% की बढ़ोत्तरी हुई है. वहीं, अगर मैनेजमेंट के टॉप लोगों को छोड़ दें, तो बाकी कर्मचारियों की औसत कमाई में 9% का इजाफा हुआ है. ITC Salary  देने के साथ अपना employee भी बढ़ा रहा है। इस से साफ जाहिर है कंपनी ग्रो कर रही है.

गौर करने वाली बात ये है कि पुरुष कर्मचारियों की औसत कमाई महिला कर्मचारियों से थोड़ी ज्यादा है.

आपको बता दें कि आईटीसी सिर्फ सिगरेट ही नहीं बनाती, बल्कि पैकेटबंद खाने का सामान, कागज और कार्डबोर्ड, होटल, खेती से जुड़े सामान और दैनिक उपयोग की चीज़ें (FMCG) भी बनाती है.

ITC Salary

ITC में करोड़पति कर्मचारियों की संख्या में भारी उछाल 24% से ज्यादा: मुख्य बिंदु

कर्मचारी:

  • एक करोड़ रुपये से अधिक सालाना कमाने वाले कर्मचारियों की संख्या में 24.11% की वृद्धि हुई है। जिस से  ITC Salary देने में आगे है।
  • वित्त वर्ष 2023-24 में 68 अतिरिक्त उच्च-पदस्थ अधिकारी शीर्ष Salary ब्रैकेट में शामिल हुए।
  • कुल मिलाकर, 350 कर्मचारी अब एक करोड़ रुपये से अधिक कमाते हैं।
  • कर्मचारियों का औसत Salary 10% बढ़ा है।
  • पुरुष कर्मचारियों का औसत वेतन ₹7,14,281 है, जबकि महिला कर्मचारियों का औसत Salary ₹7,03,725 है।

कंपनी:

  • आईटीसी ने वित्त वर्ष 2024 में कर्मचारी लाभों पर ₹6,134.35 करोड़ रुपये खर्च किए।
  • यह पिछले वर्ष की तुलना में 6.9% की वृद्धि है।
  • कंपनी ने पिछले दो से तीन वर्षों में पूरे भारत में आठ नए कारखाने और दो होटल खोले हैं।
  • आईटीसी का लाभ 24.5% बढ़कर ₹18,753.31 करोड़ रुपये हो गया है।
  • कंपनी तंबाकू, पैकेज्ड फूड, पेपर और पेपरबोर्ड, आतिथ्य, कृषि वस्तुओं और स्वास्थ्य और व्यक्तिगत देखभाल (FMCG) सहित विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करती है

सारांश ITC Salary

आईटीसी में इस साल एक करोड़ रुपये से अधिक सालाना कमाने वाले कर्मचारियों की संख्या में 24% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 68 नए कर्मचारी इस शीर्ष Salary ब्रैकेट में शामिल हुए, जिससे कुल संख्या 350 हो गई।

यह वृद्धि कंपनी के विस्तार और लाभप्रदायकता में 24.5% की वृद्धि दर्शाती है। आईटीसी ने पिछले दो वर्षों में 8 नए कारखाने और 2 होटल खोले हैं, जिसके लिए अधिक कर्मचारियों की आवश्यकता हुई है।

कर्मचारियों का औसत वेतन 10% बढ़ा है, जिसमें पुरुषों का औसत वेतन ₹7,14,281 और महिलाओं का औसत वेतन ₹7,03,725 है।

आईटीसी तंबाकू, पैकेज्ड फूड, पेपर, आतिथ्य, कृषि और FMCG सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम करती है।

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प्रश्न:-1. वित्त वर्ष 2024 में आईटीसी में करोड़पति (वार्षिक ₹1 करोड़ से अधिक कमाने वाले) कर्मचारियों की संख्या में कितनी वृद्धि हुई?

उत्तर: वित्त वर्ष 2024 में करोड़पति कर्मचारियों की संख्या में 24.11% की वृद्धि हुई।

प्रश्न:-2. वित्त वर्ष 2024 में कितने नए कर्मचारी शीर्ष वेतन वाले वर्ग में शामिल हुए?

उत्तर: 68 नए कर्मचारी शीर्ष वेतन वाले वर्ग में शामिल हुए।

प्रश्न:-3. वित्त वर्ष 2024 तक आईटीसी में कुल कितने करोड़पति कर्मचारी हैं?

उत्तर: अब 350 कर्मचारी सालाना ₹1 करोड़ से अधिक कमा रहे हैं।

प्रश्न:-4. उच्च कमाई करने वाले कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि आईटीसी के बारे में क्या बताती है?

उत्तर: यह बताता है कि आईटीसी का कारोबार और लाभप्रदायकता बढ़ रही है।

प्रश्न:-5. वित्त वर्ष 2024 में आईटीसी ने कर्मचारी लाभों पर कितना खर्च किया?

उत्तर: आईटीसी ने कर्मचारी लाभों पर ₹6,134.35 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें वेतन और मजदूरी पर ₹5,352.94 करोड़ रुपये शामिल हैं।

प्रश्न:-6.आईटीसी ने अपने कार्यों का विस्तार कैसे किया है?

उत्तर: कंपनी ने पिछले दो से तीन वर्षों में पूरे भारत में आठ नए कारखाने और दो होटल खोले हैं।

प्रश्न:-7. क्या आईटीसी की लाभप्रदायकता में भी वृद्धि हुई?

उत्तर: हां, वित्त वर्ष 2023 में आईटीसी का लाभ 24.5% बढ़कर ₹18,753.31 करोड़ रुपये हो गया।

प्रश्न:-8.वित्त वर्ष 2024 में आईटीसी कर्मचारियों (केएमपी को छोड़कर) के लिए औसत वेतन वृद्धि क्या थी?

उत्तर: औसत पारिश्रमिक में 9% की वृद्धि हुई, जबकि माध्य वेतन में 5% की वृद्धि हुई (केएमपी को छोड़कर)।

Basic Services Demat Account (BSDA) (Chote Niveshako Ko Bada Badhawa, Sebi Ne Badhai Demat Record Ki Seema)

Basic Services Demat Account (BSDA):-

छोटे निवेशकों को बड़ा बढ़ावा, SEBI new rule सेबी ने बढ़ाई बेसिक डिमाट अकाउंट की सीमा

(Chote Niveshako Ko Bada Badhawa, Sebi Ne Badhai Essential Demat Record Ki Seema)

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को शेयर बाजार में छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक बड़ा फैसला किया है। सेबी ने Basic Services Demat Account (BSDA) की सीमा को मौजूदा 2 लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दिया है। यह नई गाइडलाइन 1 सितंबर से लागू होगी।

सेबी ने एक परिपत्र में कहा कि इससे छोटे निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और उनका वित्तीय समावेश सुनिश्चित होगा। बीडीएसए नियमित डिमाट खाते का एक सरल रूप है। सेबी ने छोटे निवेशकों पर लगने वाले शुल्कों को कम करने के लिए 2012 में बीएसडीए की शुरुआत की थी। बीएसडीए (BSDA)

Basic Services Demat Account

 Basic Services Demat Account (BSDA) खाता खोलने की पात्रता: SEBI new rule

निवेशक के पास केवल एक ही डिमाट खाता होना चाहिए, जहां वह एकमात्र या पहला खाताधारक हो। सभी डिपॉजिटरी में निवेशक के नाम पर केवल एक ही बीएसडीए खाता हो सकता है। खाते में जमा प्रतिभूतियों का मूल्य किसी भी समय ऋण और इतर ऋण (गैर-ऋण) दोनों को मिलाकर 10 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए। इससे पहले, बीएसडीए खाता खोलने के लिए निवेशक के खाते में अधिकतम ₹2 लाख तक के ऋणपत्र और ₹2 लाख तक के अन्य प्रतिभूतियां हो सकती थीं। सेबी ने यह भी बताया कि ₹4 लाख तक के पोर्टफोलियो मूल्य के लिए बीएसडीए खाते का वार्षिक रखरखाव शुल्क निःशुल्क होगा।

वहीं, 4 लाख से अधिक और 10 लाख तक के पोर्टफोलियो मूल्य के लिए 100 का शुल्क लगेगा। अगर किसी खाते का मूल्य ₹10 लाख से अधिक हो जाता है, तो उस बीएसडीए खाते को स्वचालित रूप से नियमित डिमाट खाते में बदल दिया जाएगा। सेबी ने यह भी कहा कि बीएसडीए खाताधारकों को इलेक्ट्रॉनिक स्टेटमेंट निःशुल्क प्रदान किए जाएंगे। वहीं, भौतिक स्टेटमेंट के लिए ₹25 प्रति स्टेटमेंट का शुल्क लगेगा। परिपत्र के अनुसार, डिपॉजिटरी प्रतिभागी (डीपी) केवल पात्र खातों के लिए बीएसडीए खाता खोलेंगे,

जब तक कि खाताधारक ईमेल के माध्यम से नियमित डिमाट खाते का विकल्प न चुन ले। डीपी को मौजूदा पात्र डिमाट खातों की समीक्षा करनी होगी और उन्हें दो महीने के भीतर बीएसडीए में बदलना होगा, जब तक कि खाताधारक ईमेल के माध्यम से अपना नियमित डिमाट खाता बनाए रखने का विकल्प न चुन ले। यह समीक्षा प्रत्येक बिलिंग चक्र के अंत में जारी रहेगी। गौरतलब है कि सेबी ने इस महीने की शुरुआत में बीएसडीए की सीमा बढ़ाने के लिए एक परामर्श पत्र भी जारी किया था।

मुख्य बिंदु: Basic Services Demat Account (BSDA)

Chote Niveshako Ko Bada Badhawa (SEBI new rule)

  1. सेबी ने Basic Services Demat Account (BSDA)खाते की सीमा ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख की।
  2. यह परिवर्तन 1 सितंबर 2024 से लागू होगा।
  3. इसका उद्देश्य छोटे निवेशकों को शेयर बाजार में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।
  4. बीएसडीए खाता खोलने के लिए, निवेशक के पास केवल एक डिमाट खाता होना चाहिए और खाते में जमा प्रतिभूतियों का मूल्य ₹10 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए।
  5. बीएसडीए खाते के लिए वार्षिक रखरखाव शुल्क ₹4 लाख तक के पोर्टफोलियो मूल्य के लिए निःशुल्क होगा और ₹4 लाख से अधिक के लिए ₹100 होगा।

सारांश: SEBI ने बढ़ाई बेसिक  डीमेट अकाउंट की सीमा BSDA (Basic Services Demat Account)

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने छोटे निवेशकों को शेयर बाजार में शामिल करने के लिए बेसिक सर्विसेज डिमाट अकाउंट (बीएसडीए) की सीमा को ₹10 लाख तक बढ़ा दिया है। यह परिवर्तन 1 सितंबर से लागू होगा। बीएसडीए खाता खोलने के लिए, निवेशक के पास केवल एक डिमाट खाता होना चाहिए और खाते में जमा प्रतिभूतियों का मूल्य ₹10 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए। बीएसडीए खाते के लिए वार्षिक रखरखाव शुल्क ₹4 लाख तक के पोर्टफोलियो मूल्य के लिए निःशुल्क होगा और ₹4 लाख से अधिक के लिए ₹100 होगा।

FAQ:-

1. BSDA (Basic Services Demat Account) खाता खोलने का क्या फायदा है?

उत्तर: बीएसडीए खाता खोलने का फायदा यह है कि इसमें कम शुल्क लगता है। उदाहरण के लिए, ₹4 लाख तक के पोर्टफोलियो के लिए कोई वार्षिक शुल्क नहीं है। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक स्टेटमेंट निःशुल्क मिलते हैं। यह छोटे निवेशकों के लिए शेयर बाजार में निवेश शुरू करने का एक किफायती तरीका है।

2. BSDA (Basic Services Demat Account) खाते में कितना पैसा रखा जा सकता है?

उत्तर: अब आप बीएसडीए खाते में अधिकतम ₹10 लाख तक का निवेश कर सकते हैं। पहले यह सीमा केवल ₹2 लाख थी। इससे छोटे निवेशकों के लिए शेयर बाजार में विविधता लाना आसान हो जाएगा।

3. मेरा BSDA (Basic Services Demat Account) खाता ₹10 लाख से अधिक का हो जाता है तो क्या होगा?

उत्तर: अगर आपका बीएसडीए खाता ₹10 लाख से अधिक का हो जाता है, तो यह स्वचालित रूप से एक नियमित डिमाट खाते में बदल जाएगा। नियमित डिमाट खातों में बीएसडीए खातों की तुलना में थोड़े अधिक शुल्क लग सकते हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने निवेश पर नज़र रखें और यह सुनिश्चित करें कि आपकी निवेश रणनीति के अनुसार आपका पोर्टफोलियो बना रहे।

PM Surya Ghar Muft Bijli yojana,300 यूनिट मुफ्तबिजली – इस तरह करे आवेदन

PM Surya Ghar Muft Bijli yojana ,300 यूनिट मुफ्तबिजली

भारत में बिजली के उत्पादन और वितरण में भारी कमी है। बिजली की कमी से औद्योगिक के साथ-साथ कृषि उत्पादन भी गंभीर रूप से प्रभावित होता है। भारत सरकार ने बीजालिकी कमी को देखते हुए PM Surya Ghar Yojana योजना निकाली है जिससे भारत के लोगो को सोलर पैनल लगवाने के लिए 40% की सबसिडी की ( सहायता ) मिलेगी,PM Surya Ghar Yojana मुफ्त बिजली योजना के बारे मे आइए विस्तार से जानते है।

PM Surya Ghar Yojana
PM Surya Ghar Yojana

PM Surya Ghar Yojana मुफ्त बिजली योजना क्या है

PM Surya Ghar Yojana बिजली फ्री देने की योजना है भारत सरकार देश के घरो पर सोलर ऊर्जा लगाने को बढ़ावा देगी ओर उनपर 40% सबसिडी भी देगी जिससे भारत के लोगो को बहुत फाइदा होगा ओर सरकार को भी लगभग 75000 करोड़ तक का फायदा होगा इस  योजना की शुरुआत प्रधान मंत्री मोदी जी के द्वारा  15 फरवरी 2024 को हो चुकी है

PM Surya Ghar Yojana मुफ्त बिजली योजना के लाभ

PM Surya Ghar Yojana सोलर पैनल लगाने से होने वाले लाभ

  1. ऊर्जा की बचत : सोलर पैनल से निकालने वाली ऊर्जा निशुल्क होती है, जिससे बिजली के बिल में कमी आती है।
  2. प्रदूषण की कमी: सोलर ऊर्जा शुद्ध और प्राकृतिक होती है, जिससे वायु प्रदूषण में भी कमी आती है। ओर इससे प्रकरतीक को कोई नुकसान नही होता।
  3. रखरखाव ओर बचत : सोलर पैनल की उम्र लंबी होती है और उनका रखरखाव बहुत कम होता है, ओर यह जल्दी खराब नही होता।
  4. धन की बचत: बिजली के बिल में कमी के साथ-साथ, सोलर पैनल लगाने से धन का भी लाभ होता है, क्योंकि उनकी लागत एक बार होती है।
  5. सोलर पैनल लगाने से न केवल आपके घर की ऊर्जा खपत कम होती है,इससे हमारे पर्यावरण को बचाने में मदद मिलती है और ऊर्जा की स्थिरता को बढ़ावा देती है।

PM Surya Ghar Yojana मुक्त बिजली योजना के लिए पात्रता क्या है

1 योजना के लिए आवेदन करने के लिए 18+  होना चाहिए
2 भारत का नागरिक होना चाहिए
3 परिवार का अपना मकान होना चाहिए ओर मकान के छत पर सोलर पैनल लगाने के लिये पर्याप्त जगह होना चाहिए

आवेदन करने वाले का बैंक खाते से जुड़ा आधार कार्ड योजना में भाग लेने के लिए ज़रूरी है।
घर मे बिजली कनेक्षण होना जरूरी है

PM Surya Ghar Yojana के लिए जरूरी दस्तावेज़

  • आधार कार्ड ( जिसमे मोबाइल नंबर लोंक हो )
  • राशन कार्ड
  • मोबाइल न. (बैंक ओर आधार दोनों से लिंक हो )
  • मूलनिवासी प्रमाण पत्र
  • बिजली का बिल
  • बैंक पासबुक
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो
  • शपथ पत्र
  • इनकम का सर्टिफिकेट

PM Surya Ghar योजना 2024 के तहत ऑनलाइन आवेदन कैसे करें

सबसे पहले आप इस सरकारी वैबसाइट पर जाए www.pmsuryaghar.gov.in

उसके बाद apply for rooftop solar पर क्लिक करे ।

स्टेप 1

पोर्टल पर निम्नलिखित के साथ पंजीकरण करें

* बिजली वितरण कंपनी का चयन करें

* अपना राज्य चुनें

* अपना जिला चुनें

* अपना उपभोक्ता खाता नंबर दर्ज करें

* मोबाइल दर्ज करें

चरण दो

* मोबाइल नंबर से लॉगिन करें

* छत के लिए आवेदन करें

चरण 3

* एक बार जब आपको व्यवहार्यता अनुमोदन मिल जाए, तो अपने डिस्कॉम में किसी भी पंजीकृत विक्रेता द्वारा संयंत्र स्थापित करवाएं।

चरण 4

* स्थापना पूर्ण हो जाने पर, संयंत्र का विवरण प्रस्तुत करें और नेट मीटर के लिए आवेदन करें

चरण 5

* एक बार जब आपको कमीशनिंग रिपोर्ट मिल जाए, तो पोर्टल के माध्यम से बैंक खाते का विवरण और एक रद्द चेक जमा करें। आपको ३० दिनों के भीतर अपने बैंक खाते में सब्सिडी प्राप्त हो जाएगी।

ज्यादा पूछे जाने वाले प्र्श्न्न (FOQ):

प्र्श्न्न :PM Surya Ghar Yojana क्या है।

यह एक सोलर पैनल लगवाने के लिए स्कीम है जो सोलर पैनल लगवाने के लिए 40% सबशिडी देगा

प्र्श्न्न:PM Surya Ghar Yojana के लिएअपलाई कैसे करे।

https://www.pmsuryaghar.gov.in वैबसाइट पर जाकर

प्र्श्न्न:PM Surya Ghar Yojana से किसको फायदा मिलेगा।

यह योजना भारत के सभी नागरिकों के लिए है इसमे कोई जाती वध्य नही है ।

प्र्श्न्न:PM Surya Ghar Yojana के लिए जरूरी डोकोमेंट क्या है ।

  • आधार कार्ड ( जिसमे मोबाइल नंबर लोंक हो )
  • राशन कार्ड
  • मोबाइल न. (बैंक ओर आधार दोनों से लिंक हो )
  • मूलनिवासी प्रमाण पत्र
  • बिजली का बिल
  • बैंक पासबुक
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो
  • शपथ पत्र
  • इनकम का सर्टिफिकेट

प्र्श्न्न:PM Surya Ghar Yojana के लिए लोन कहा से मिलेगा ।

https://www.pmsuryaghar.gov.in वैबसाइट पर जाकर अप्लाई करने के बाद लोन मिलेगा ।

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