Credit Guarantee Scheme for MSMEs

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1 Credit Guarantee Scheme for MSMEs – क्रेडिट गारंटी स्कीम एमएसएमई

Credit Guarantee Scheme for MSMEs – क्रेडिट गारंटी स्कीम एमएसएमई

Introduction – परिचय

India की economy में Micro, Small, and Medium Enterprises (MSMEs) का बहुत महत्वपूर्ण role है। ये enterprises न केवल employment generate करती हैं, बल्कि economic growth में भी significant योगदान देती हैं। लेकिन MSMEs को सबसे बड़ी challenge जो face करनी पड़ती है, वह है credit तक पहुंच। इस issue को address करने के लिए Government of India ने Credit Guarantee Scheme for MSMEs को introduce किया, जिससे कि ये enterprises बिना collateral के आवश्यक financial resources तक पहुंच बना सकें।

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Union Budget 2024 ने भारत के MSME सेक्टर के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं, जो इस सेक्टर के विकास और मजबूती में मदद करेंगी। इन घोषणाओं में एक नई Credit Guarantee Scheme का प्रस्ताव, Mudra Loan limit में वृद्धि, और Trade Receivables Discounting System (TReDS) platform का विस्तार शामिल है। इन सभी measures का उद्देश्य MSMEs को financial support प्रदान करना और उन्हें national एवं global स्तर पर compete करने के लिए सक्षम बनाना है।

What is the Credit Guarantee Scheme MSMEs? – क्रेडिट गारंटी स्कीम क्या है?

Credit Guarantee Scheme एक government initiative है, जो lending institutions को एक safety net provide करता है, जिससे वे MSMEs को बिना collateral के loans offer कर सकें। इस scheme के तहत, अगर कोई MSME loan default कर जाती है, तो government lending institution को loan amount का एक certain percentage compensate करती है। इससे lenders का risk कम हो जाता है और वे उन small businesses को credit extend करने के लिए encouraged होते हैं, जो otherwise financing secure करने में struggle कर सकती हैं।

Credit Guarantee Scheme का मुख्य उद्देश्य MSMEs को आसान और सस्ता credit प्रदान करना है, ताकि वे अपने business को grow कर सकें और नए opportunities का लाभ उठा सकें। यह scheme उन businesses के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जो collateral न होने के कारण traditional lending institutions से loans नहीं प्राप्त कर सकते हैं।

New Credit Guarantee Scheme – नई क्रेडिट गारंटी स्कीम

Union Budget 2024 में एक नई Credit Guarantee Scheme का प्रस्ताव रखा गया है, जो विशेष रूप से manufacturing MSMEs के लिए designed है। इस scheme का उद्देश्य MSMEs को बिना collateral या third-party guarantee के term loans हासिल करने में मदद करना है, ताकि वे machinery और equipment खरीद सकें और अपने operations को expand कर सकें।

यह scheme एक self-financing model पर आधारित होगी, जिसमें MSMEs को upfront और annual guarantee fees pay करनी होगी। अगर किसी MSME का loan default होता है, और वह default एक certain level से ऊपर जाता है, तो government उस default को cover करने के लिए एक backstop guarantee प्रदान करेगी। इस initiative को support करने के लिए एक dedicated guarantee fund स्थापित किया जाएगा, जिसमें प्रति applicant ₹100 करोड़ तक की guarantee coverage limit होगी।

इस scheme का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे MSMEs के लिए financial barriers कम होंगे और वे आसानी से अपने business को expand कर सकेंगे। MSMEs जो पहले financial resources की कमी के कारण growth opportunities को miss कर देते थे, वे अब इस scheme का लाभ उठाकर अपने business को एक नए level पर ले जा सकते हैं।

Improved Credit Assessment – बेहतर क्रेडिट मूल्यांकन

MSMEs के लिए एक और महत्वपूर्ण घोषणा credit assessment process में सुधार की है। Traditional credit assessment methods अक्सर MSMEs के लिए मुश्किल साबित होते हैं, क्योंकि इनमें formal accounting systems की आवश्यकता होती है। Union Budget 2024 में यह घोषणा की गई है कि Public Sector Banks अब digital footprint scoring का उपयोग करेंगे, जिससे MSMEs की creditworthiness को अधिक accurately assess किया जा सकेगा।

Digital footprint scoring एक modern approach है, जिसमें MSMEs की online presence, digital transactions, और अन्य relevant digital data का उपयोग किया जाता है। इस approach से वे MSMEs भी credit access कर सकेंगे, जो traditional methods के तहत loan applications में fail हो जाते थे। यह बदलाव MSMEs के लिए credit प्राप्त करना आसान बनाएगा और उन्हें growth opportunities का पूरा लाभ उठाने में सक्षम करेगा।

Credit Guarantee Scheme for MSME

Support During Tough Times – कठिन समय में समर्थन

Financial stress के समय में MSMEs को support प्रदान करने के लिए भी Union Budget 2024 में नए measures की घोषणा की गई है। MSMEs को temporary setbacks से उबरने में मदद करने के लिए government-backed guarantees प्रदान की जाएंगी।

MSMEs जो financial stress के कारण special mention accounts (SMAs) में classified हो जाते हैं, उनके लिए यह initiative बहुत महत्वपूर्ण होगा। इसका उद्देश्य MSMEs को non-performing assets (NPAs) बनने से रोकना और उनकी financial resilience को बढ़ाना है।

Government-backed guarantee mechanism के माध्यम से MSMEs के लिए increased credit access सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे वे अपने business को sustain कर सकें और भविष्य में grow कर सकें। यह initiative MSMEs को financial challenges से लड़ने के लिए और अधिक मजबूत बनाएगा और उन्हें market में competition करने के लिए तैयार करेगा।

Mudra Loan Limit Increased – मुद्रा लोन की सीमा बढ़ी

Union Budget 2024 में Mudra Loan Scheme के तहत ‘Tarun’ category के loans की limit को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख कर दिया गया है। यह घोषणा उन borrowers के लिए की गई है, जिन्होंने पहले ‘Tarun’ category के तहत loans लिया था और उसे successfully repay किया था।

Mudra Loan Scheme का मुख्य उद्देश्य small businesses और startups को financial support प्रदान करना है, ताकि वे अपने business को शुरू कर सकें या उसे expand कर सकें। ‘Tarun’ category के तहत loan limit में वृद्धि से उन businesses को अधिक financial support मिलेगा, जो पहले से ही सफलतापूर्वक operate कर रहे हैं और अब बड़े projects या investments के लिए additional funds की आवश्यकता है।

इससे न केवल existing businesses को support मिलेगा, बल्कि नए entrepreneurs को भी encourage किया जाएगा, जो अपनी business ideas को reality में बदलने के लिए financial resources की तलाश में हैं। Mudra Loan Scheme के तहत increased loan limit MSMEs को उनके growth objectives को achieve करने में मदद करेगी और उन्हें national economy में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार करेगी।

Better Cash Flow Management – बेहतर कैश फ्लो मैनेजमेंट

MSMEs के working capital तक पहुंच को improve करने के लिए Union Budget 2024 में Trade Receivables Discounting System (TReDS) platform का विस्तार करने की घोषणा की गई है। TReDS एक electronic platform है, जो MSMEs को उनके receivables को quickly convert करने में मदद करता है, जिससे उनकी working capital requirements को पूरा किया जा सके।

TReDS platform पर mandatory buyer onboarding के लिए turnover threshold को ₹500 करोड़ से घटाकर ₹250 करोड़ कर दिया गया है। इससे platform पर 22 additional CPSEs और 7,000 से अधिक कंपनियाँ शामिल होंगी।

यह बदलाव MSMEs के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे अधिक companies TReDS platform का हिस्सा बनेंगी और MSMEs को उनके receivables के लिए जल्दी payment प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इससे MSMEs के cash flow pressures कम होंगे और उन्हें अपने business operations को smoothly run करने में मदद मिलेगी।

Expanded SIDBI Services – SIDBI सेवाओं का विस्तार

Union Budget 2024 में Small Industries Development Bank of India (SIDBI) की सेवाओं का विस्तार करने की भी घोषणा की गई है। SIDBI MSMEs के लिए एक महत्वपूर्ण financial institution है, जो उन्हें loans, financial advisory, और अन्य support services प्रदान करती है।

Expansion plans के तहत SIDBI अगले तीन वर्षों में 242 major MSME clusters में से 168 को cover करने के लिए इस साल 24 नए branches खोलेगी। इन नए branches के माध्यम से MSMEs को direct credit services प्राप्त होंगी, जिससे वे अपने business को और अधिक effectively manage कर सकेंगे।

SIDBI के branches के विस्तार से MSMEs को विभिन्न क्षेत्रों में specialised financial services और support तक पहुंच आसान होगी। इससे न केवल MSMEs के लिए credit access बढ़ेगा, बल्कि regional development में भी significant improvement देखने को मिलेगा। यह expanded presence MSME sector में balanced growth सुनिश्चित करेगी और national economy में MSMEs की भूमिका को और अधिक महत्वपूर्ण बनाएगी।

Support for Food-Related MSMEs – खाद्य-सम्बंधित MSMEs के लिए समर्थन

Food-related MSMEs के लिए भी Union Budget 2024 में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। Government MSME sector में 50 multi-product food irradiation units की स्थापना के लिए financial support प्रदान करेगी।

Food irradiation एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिससे food products की shelf life बढ़ाई जा सकती है और उन्हें contamination से बचाया जा सकता है। यह प्रक्रिया food-related MSMEs के लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि इससे वे अपने products की quality को improve कर सकते हैं और उन्हें अधिक लंबे समय तक store कर सकते हैं।

इसके अलावा, सरकार 100 food quality और safety testing labs को NABL accreditation के साथ स्थापित करने के प्रयास भी करेगी। Quality testing facilities तक पहुंच से food-related MSMEs regulatory standards को पूरा कर सकते हैं और अपने products की quality में सुधार कर सकते हैं।

Boost for International Sales – अंतर्राष्ट्रीय बिक्री के लिए प्रोत्साहन

MSMEs और traditional artisans के international market तक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए Union Budget 2024 में e-commerce export hubs की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है।

E-commerce export hubs को public-private partnerships के माध्यम से स्थापित किया जाएगा, जिससे MSMEs और artisans को international markets में प्रवेश करने में मदद मिलेगी। ये hubs एक streamlined ecosystem प्रदान करेंगे, जिसमें trade और export-related services एक unified regulatory और logistical framework के तहत आएंगी।

इस initiative का मुख्य उद्देश्य छोटे businesses और artisans को global markets में compete करने के लिए तैयार करना है। International markets तक पहुंच बढ़ने से MSMEs के लिए नए revenue streams खुलेंगे और उन्हें अपने business को international स्तर पर expand करने में मदद मिलेगी।

Conclusion – निष्कर्ष

Union Budget 2024 ने MSMEs के लिए कई महत्वपूर्ण proposals पेश किए हैं, जो उनके growth और development में significant योगदान करेंगे। New Credit Guarantee Scheme, Mudra Loan limit में वृद्धि, TReDS platform का विस्तार, और SIDBI सेवाओं का विस्तार सभी ऐसे measures हैं, जो MSMEs को financial support प्रदान करेंगे और उन्हें national और global markets में compete करने के लिए सक्षम बनाएंगे।

इन initiatives के साथ, MSMEs को उनके विकास की दिशा में एक नया momentum मिल सकता है, जो उन्हें national economy में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार करेगा। ये measures न केवल MSMEs को मजबूत बनाएंगे, बल्कि उन्हें एक sustainable और prosperous future की ओर ले जाने में भी मदद करेंगे।

FAQS

क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर एमएसएमई क्या है?

Credit Guarantee Scheme MSMEs को financial support प्रदान करने के लिए सरकार की एक initiative है। यह scheme lending institutions को credit guarantee प्रदान करती है, जिससे MSMEs बिना collateral या third-party guarantee के loans प्राप्त कर सकते हैं।

क्रेडिट गारंटी स्कीम एमएसएमई को कैसे लाभ पहुंचाती है?

यह scheme lenders के risk को कम करती है, जिससे वे उन MSMEs को loans देने के लिए encouraged होते हैं, जो otherwise financing secure करने में मुश्किल का सामना कर सकते हैं। इससे MSMEs को आवश्यक funds तक पहुंच मिलती है, जो उनके growth और sustainability में मदद करता है।

केंद्रीय बजट 2024 में प्रस्तावित नई क्रेडिट गारंटी स्कीम की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

नई Credit Guarantee Scheme विशेष रूप से manufacturing MSMEs के लिए designed की गई है और इसका मुख्य उद्देश्य equipment और machinery खरीदने के लिए term loans प्रदान करना है, बिना collateral या third-party guarantees के। यह scheme एक self-financing model पर आधारित है, जिसमें MSMEs को upfront और annual guarantee fees pay करनी होगी। इस scheme को support करने के लिए एक dedicated guarantee fund स्थापित किया जाएगा, जो प्रति applicant ₹100 करोड़ तक की guarantee coverage प्रदान करेगा।

क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत loans के लिए कौन पात्र है?

MSMEs जो manufacturing या service activities में लगी हुई हैं और संबंधित authorities के तहत registered हैं, वे Credit Guarantee Scheme के तहत loans के लिए apply कर सकती हैं। Specific eligibility criteria lender और scheme guidelines के आधार पर vary कर सकती है।

क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत कौन से प्रकार के loans शामिल हैं?

यह scheme मुख्य रूप से MSMEs को equipment, machinery, या अन्य assets की खरीद के लिए प्रदान किए गए term loans को cover करती है, जो business expansion या modernization के लिए आवश्यक होते हैं। कुछ मामलों में, working capital loans भी scheme के तहत शामिल हो सकते हैं, जो lender की policies पर निर्भर करता है।

"Deepak Rai is an IT engineer with 3 years of blogging experience. He has a strong expertise in creating quality content and is currently working with 'Wealth Bazzars'."

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