5 गंभीर चौंकाने वाले कारण: Crypto Exchanges Close in India

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1 परिचय

5 गंभीर चौंकाने वाले कारण: Crypto Exchanges Close in India

FIU-IND ने 25 Offshore Crypto Exchanges पर शिकंजा कैसे कसा? PMLA non-compliance विस्‍तार से जानें”

परिचय 

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वित्तीय तकनीक (FinTech) और क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में बदलाव लगातार हो रहे हैं। लेकिन जैसे-जैसे नए अवसर आते हैं, सरकारें उन पर नियंत्रण और नियम-पालन (regulation & compliance) लागू करने की दिशा में भी कदम बढ़ा रही हैं।

भारत में, FIU-IND (Financial Intelligence Unit – India) ने हाल ही में 25 offshore cryptocurrency exchanges को PMLA, 2002 के तहत गैर-अनुपालन (non-compliance) के लिए नोटिस जारी किए हैं।

इनमें Huione, CEX.IO, BingX जैसे नाम शामिल हैं।

इस लेख में, हम विस्तार से जानेंगे:

  • PMLA क्या है और इसका उद्देश्य क्या है

  • FIU-IND की भूमिका और क्रिप्टो प्लेटफार्मों पर उसका असर

  • किन निर्देशनाओं का उल्लंघन किया गया?

  • इस कार्रवाई का प्रभाव (भारतीय उपयोगकर्ताओं और क्रिप्टो उद्योग पर)

  • संभावित चुनौतियाँ और भविष्य
    इस पुरे लेख में समझेंगे is Crypto Exchanges Close in India? और सभी क्रिप्टो एक्सचेंज का लिस्ट भी देखेगें।

PMLA, 2002 — क्या है और क्यों ज़रूरी है?

1.1 PMLA का उद्देश्य (Purpose of PMLA)

  • PMLA यानी Prevention of Money Laundering Act, 2002 भारत की कानून व्यवस्था है जो यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी अवैध धन (black money) कानूनी प्रणाली में “साफ” होकर न आ सके।

  • इस कानून का मकसद है टैक्स चोरी, धांधली, आतंकवाद फंडिंग आदि को रोकना।

  • इसके अंतर्गत ‘reporting entities’ को वित्तीय लेन-देन की रिपोर्ट करना, रिकॉर्ड रखना और संदिग्ध लेन-देन की सूचना देना अनिवार्य है।

क्रिप्टोकरेंसी और VDA को PMLA के दायरे में लाना

  • मार्च 2023 में, सरकार ने एक अधिसूचना जारी की, जिसमें Virtual Digital Asset Service Providers (VASPs) या Virtual Digital Asset (VDA) के साथ काम करने वाले प्लेटफार्मों को reporting entities के रूप में PMLA के दायरे में लाया गया।

  • इस अधिसूचना के बाद, क्रिप्टो एक्सचेंज, वॉलेट, ट्रांसफर प्लेटफार्म आदि को भी उन्हीं नियमों का पालन करना होगा जैसा कि बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान करते हैं।

  • अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया कि ये नियम विदेशी (offshore) प्लेटफार्मों पर भी लागू होंगे यदि वे भारत में उपयोगकर्ता सेवाएँ प्रदान कर रहे हों।

2. FIU-IND: भूमिका, दायित्व और शक्ति

2.1 FIU-IND कौन है?

  • FIU-IND का पूरा नाम Financial Intelligence Unit – India है।

  • यह भारत में वित्तीय अपराध (money laundering, terrorist financing) की निगरानी, विश्लेषण और रिपोर्टिंग का कार्य करता है।

  • FIU-IND सीधे वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) के अंतर्गत काम करता है।

2.2 FIU-IND के कार्य (Key Functions)

  • संदिग्ध लेन-देन (Suspicious Transaction Reports, STRs) प्राप्त करना और उनका विश्लेषण करना।

  • विभिन्न वित्तीय संस्थानों से रिपोर्ट्स जमा करना (CTR, STR, आदि)।

  • गैर-अनुपालन करने वालों पर कार्रवाई करना: नोटिस जारी करना, URLs बंद करवाना, आदि।

  • अन्य एजेंसियों (जैसे ED, Enforcement Directorate) को जानकारी देना और सहयोग करना।

2.3 Compliance Orders और पहले के मामले

FIU-IND ने पहले भी कई संस्थाओं को आदेश दिए हैं कि वे अपने वित्तीय रिकॉर्ड और नियम-पालन सुनिश्चित करें।
उदाहरण के लिए, Coinbase India पर आदेश जारी हुआ है।

3. किन नियमों / निर्देशों का उल्लंघन हुआ?

निम्न बिंदु वे मुख्य दिशानिर्देश हैं जिनका उल्लंघन करने पर FIU-IND ने इन offshore exchanges को निशाना बनाया।

3.1 FIU-IND में पंजीकरण न करना (No Registration)

  • सभी VASPs को FIU-IND में पंजीकरण (registration) करना अनिवार्य है।

  • भारत में जिन विदेशी प्लेटफार्मों ने पंजीकरण नहीं किया, उन्हें non-compliant माना गया।

  • बिना पंजीकरण, वे नियमों के दायरे से बाहर माने जाते हैं।

3.2 KYC / ग्राहक पहचान और सत्यापन न करना

  • रिपोर्टिंग एंटिटीज को ग्राहक की पहचान सत्यापित करनी होती है (Know Your Customer – KYC) जैसे Aadhaar, PAN या अन्य वैध पहचान।

  • इन्हें संदेहास्पद गतिविधियों की पहचान करने हेतु ग्राहक व्यवहार की निगरानी करनी होती है।

  • पुराने खातों की KYC अपडेट के दिशा निर्देश भी जारी किए गए थे, जैसे कि जून 30 तक KYC दुबारा करना।

3.3 रिकॉर्ड रखना और रिपोर्टिंग करना

  • लेन-देन के रिकॉर्ड पांच वर्ष तक संरक्षित करने की आवश्यकता होती है।

  • संदिग्ध लेन-देन (STR) FIU-IND को समय पर रिपोर्ट करना अनिवार्य है।

  • वित्तीय गतिविधियों की नियमित रिपोर्ट (मासिक / आवधिक) जमा करना।

3.4 URL/Apps बंद करवाने का आदेश

  • उन प्लेटफार्मों की वेबसाइट या एप्प्स जो नियमों के उल्लंघन कर रही हों, उन्हें बंद करने (takedown) या ब्लॉक करने का आदेश FIU ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय  को दिया है।

  • यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि उपयोगकर्ता उन प्लेटफार्मों तक न पहुँच सकें जो कानूनी दायरे से बाहर हैं।

4. 25 offshore crypto exchanges पर कार्रवाई: कौन-कौन और क्या हुआ?

4.1 कौन-कौन से एक्सचेंज शामिल हैं?

FIU-IND ने कुल 25 offshore exchanges को नोटिस भेजे हैं।

S.NoExchange NameStatus
1HuioneBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
2BC.GameBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
3PaxfulBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
4ChangellyBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
5CEX.IOBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
6LBankBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
7YouhodlerBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
8BingXBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
9PrimeXBTBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
10BTCCBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
11CoinExBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
12RemitanoBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
13PoloniexBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
14BitMexBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
15BitrueBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
16LCXBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
17Probit GlobalBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
18BTSEBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
19HIT BTCBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
20LocalCoinSwapBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
21AscendExBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
22PhemexBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
23Zoomex (ZooMex)Blacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
24CoinColaBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है
25CoinWBlacklisted — FIU-IND Notice जारी हुआ है

4.2 क्या कार्रवाई की गई?

  • नोटिस जारी करना — उन्हें बताना कि वे PMLA नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।

  • एप और वेबसाइट टै्कडाउन — उपयोग की जा रही URLs, ऐप्स को बंद करने का निर्देश।

  • ब्लॉकिंग / प्रतिबंध — उपयोगकर्ताओं को उन प्लेटफार्मों तक पहुँचने से रोकने।

  • पूर्व मामलों में जुर्माना — उदाहरण के लिए, Binance को 188.2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया।

  • KuCoin को भी 3.45 मिलियन रुपए का जुर्माना देना पड़ा और फिर उसने पंजीकरण कराया।

4.3 उदाहरण: Binance और KuCoin

  • Binance ने FIU-IND के साथ पंजीकरण कर लिया है और भारत में कार्य पुनः शुरू करने की कोशिश कर रहा है।

  • KuCoin को जुर्माना देना पड़ा और पंजीकरण शर्त माननी पड़ी।

  • Binance पर 188.2 करोड़ रुपए की कार्रवाई की गई है

5. इस कार्रवाई का प्रभाव — उपयोगकर्ता, उद्योग और सरकार पर

5.1 भारतीय उपयोगकर्ताओं पर असर

  • उपयोगकर्ता, जो इन विदेशी एक्सचेंजों पर निवेश कर रहे हैं, अब परिसमापन (withdrawal) या सेवाओं में रुकावट का सामना कर सकते हैं।

  • जो प्लेटफार्म बंद हो जाते हैं या ऐप्स काम नहीं करते, उनके क्रिप्टो निवेशकों को संभावित नुकसान हो सकता है।

  • उपयोगकर्ता अब अधिक सतर्क होंगे और केवल FIU-IND पंजीकृत प्लेटफार्मों को चुनेंगे।

  • कानूनी जोखिम बढ़ेगा — अगर कोई व्यक्ति इन non-compliant एक्सचेंजों से लेन-देन करता है, तो वह जांच की सीम में आ सकता है।

Crypto Exchanges Close in India

5.2 क्रिप्टो उद्योग पर प्रभाव

  • विदेशी क्रिप्टो कंपनियों को भारत की नियामक सीमाओं का पालन करना पड़ेगा।

  • जितनी तेजी से कंपनियाँ compliance करेंगी, उतने ही बेहतर होंगे उनकी बहाली और भरोसेमंदता।

  • नए प्रवेशकों के लिए यह चेतावनी है — पूरी कानूनी तैयारी के बिना बाजार में प्रवेश न करें।

  • डेटा संग्रहण, सुरक्षा, KYC-AML सिस्टम आदि पर भारी निवेश बढ़ेगा।

5.3 सरकार और नियामक दृष्टिकोण से

  • यह कार्रवाई सरकार की “डिजिटल और पारदर्शी अर्थव्यवस्था” (Digital India) की दिशा में एक मजबूत कदम है।

  • अवैध धन और धन शोधन (money laundering) पर अंकुश लगाने की दिशा में यह संकेत है कि क्रिप्टो भी अब कानून के दायरे में आ गया है।

  • सरकार को यह संतुलन रखना होगा कि निवेशकों के हित बने रहें और नवोन्मेष (innovation) को बाधा न हो।

  • आने वाले समय में और सख्त विनियम, निगरानी और परीक्षणों की संभावना है।

निष्कर्ष 

भारत ने क्रिप्टो उद्योग में एक स्पष्ट संदेश भेजा है: “कोई भी प्लेटफार्म, चाहे विदेशी हो या घरेलू, नियमों के ऊपर नहीं है।” FIU-IND द्वारा 25 offshore exchanges को नोटिस भेजना इस दिशा में एक मजबूत कदम है।

  • विदेशी एक्सचेंजों को अब Indian regulation को गंभीरता से लेना होगा।

  • उपयोगकर्ताओं को सतर्क रहना चाहिए और केवल पंजीकृत व भरोसेमंद प्लेटफार्मों पर ही लेन-देन करना चाहिए।

  • क्रिप्टो उद्योग को अधिक पारदर्शिता, सुरक्षा और नियम-पालन पर ध्यान देना होगा।

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